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Information
Name: NCERT Economics Quiz in Hindi
Subject: Economics ( General Study )
Class: 12th
Part: 2
Board: NCERT
Chapter Name: उपभोक्ताओं के व्यवहार का सिद्धान्त
Questions: 15 Objective Type Questions
Time Allowed: 10 Minute
Language: Hindi
Level: Very Basic
Important for: Intelligence Bureau, SSC CGL, State PCS, UPSC CSE आदि |
Especially For: UPSC CSE Prelims
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Question 1 of 15
1. Question
1 pointsयदि किसी उपभोक्ता की आय M है तथा कोई दो वस्तुओं की कीमत क्रमशः \(P_{1}\) व \(P_{2}\) है, उपभोक्ता \((X_{1}X_{2})\) बंडल निम्न स्थिति में खरीद सकता है-
जहाँ \(X_{1}\) = वस्तु 1 की इकाईया हैं।
\(X_{2}\) = वस्तु 2 की इकाईया हैं।Correct
यदि किसी उपभोक्ता की आय M है तथा दोनों वस्तुओं की कीमते क्रमशः \(P_{1}\) तथा \(P_{2}\) है यदि उपभोक्ता वस्तु 1 की \(X_{1}\) इकाईयां खरीदना चाहता है तो उसे कुल मिलाकर \(P_{1}X_{1}\) धन ब्यय करना पड़ेगा। इसी प्रकार से वस्तु 2 की \(X_{2}\) इकाइयाँ खरीदना चाहता है, तो उसे \(P_{2}X_{2}\) धन ब्यय करने पड़ेगा। दोनों वस्तु 1 + वस्तु 2 के बंडल खरीदना चाहता है तो उसे \(P_{1}X_{1} + P_{2}X_{2}\) धन राशि ब्यय करनी होगी।
वस्तुओं की विद्यमान कीमतों तथा अपनी आय के अनुसार उपभोक्ता ऐसा कोई भी बंडल उसी सीमा तक खरीद सकता है। जब तक उसकी कीमत उसकी आय के बराबर या उससे कम रहें।
\(P_{1}X_{1} + P_{2}X_{2} ≤ M\)
यह उपभोक्ता का बजट प्रतिबंध कहलाता है। उपभोक्ता के लिए उपलब्ध बंडलों के सेट को बजट सेट कहा जाता है।Incorrect
यदि किसी उपभोक्ता की आय M है तथा दोनों वस्तुओं की कीमते क्रमशः \(P_{1}\) तथा \(P_{2}\) है यदि उपभोक्ता वस्तु 1 की \(X_{1}\) इकाईयां खरीदना चाहता है तो उसे कुल मिलाकर \(P_{1}X_{1}\) धन ब्यय करना पड़ेगा। इसी प्रकार से वस्तु 2 की \(X_{2}\) इकाइयाँ खरीदना चाहता है, तो उसे \(P_{2}X_{2}\) धन ब्यय करने पड़ेगा। दोनों वस्तु 1 + वस्तु 2 के बंडल खरीदना चाहता है तो उसे \(P_{1}X_{1} + P_{2}X_{2}\) धन राशि ब्यय करनी होगी।
वस्तुओं की विद्यमान कीमतों तथा अपनी आय के अनुसार उपभोक्ता ऐसा कोई भी बंडल उसी सीमा तक खरीद सकता है। जब तक उसकी कीमत उसकी आय के बराबर या उससे कम रहें।
\(P_{1}X_{1} + P_{2}X_{2} ≤ M\)
यह उपभोक्ता का बजट प्रतिबंध कहलाता है। उपभोक्ता के लिए उपलब्ध बंडलों के सेट को बजट सेट कहा जाता है।Unattempted
यदि किसी उपभोक्ता की आय M है तथा दोनों वस्तुओं की कीमते क्रमशः \(P_{1}\) तथा \(P_{2}\) है यदि उपभोक्ता वस्तु 1 की \(X_{1}\) इकाईयां खरीदना चाहता है तो उसे कुल मिलाकर \(P_{1}X_{1}\) धन ब्यय करना पड़ेगा। इसी प्रकार से वस्तु 2 की \(X_{2}\) इकाइयाँ खरीदना चाहता है, तो उसे \(P_{2}X_{2}\) धन ब्यय करने पड़ेगा। दोनों वस्तु 1 + वस्तु 2 के बंडल खरीदना चाहता है तो उसे \(P_{1}X_{1} + P_{2}X_{2}\) धन राशि ब्यय करनी होगी।
वस्तुओं की विद्यमान कीमतों तथा अपनी आय के अनुसार उपभोक्ता ऐसा कोई भी बंडल उसी सीमा तक खरीद सकता है। जब तक उसकी कीमत उसकी आय के बराबर या उससे कम रहें।
\(P_{1}X_{1} + P_{2}X_{2} ≤ M\)
यह उपभोक्ता का बजट प्रतिबंध कहलाता है। उपभोक्ता के लिए उपलब्ध बंडलों के सेट को बजट सेट कहा जाता है। -
Question 2 of 15
2. Question
1 pointsCorrect
बिन्दु C बजट रेखा के नीचे है जबकि बिन्दु A तथा B बजट रेखा पर हैं। बिन्दु C की तुलना में बिन्दु A वस्तु 2 की अधिक मात्रा तथा वस्तु 1 समान मात्रा को दर्शाता है | बिंदु B बिंदु C की तुलना में वस्तु 1 की अधिक मात्रा तथा वस्तु 2 की समान मात्रा दर्शाता है।
Incorrect
बिन्दु C बजट रेखा के नीचे है जबकि बिन्दु A तथा B बजट रेखा पर हैं। बिन्दु C की तुलना में बिन्दु A वस्तु 2 की अधिक मात्रा तथा वस्तु 1 समान मात्रा को दर्शाता है | बिंदु B बिंदु C की तुलना में वस्तु 1 की अधिक मात्रा तथा वस्तु 2 की समान मात्रा दर्शाता है।
Unattempted
बिन्दु C बजट रेखा के नीचे है जबकि बिन्दु A तथा B बजट रेखा पर हैं। बिन्दु C की तुलना में बिन्दु A वस्तु 2 की अधिक मात्रा तथा वस्तु 1 समान मात्रा को दर्शाता है | बिंदु B बिंदु C की तुलना में वस्तु 1 की अधिक मात्रा तथा वस्तु 2 की समान मात्रा दर्शाता है।
-
Question 3 of 15
3. Question
1 points\(P_{1}X_{1} + P_{2}X_{2} = M^{1}\) को निम्नलिखित रूप में भी लिखा जा सकता है-
Correct
मान लें कि उपभोक्ता की आय M से बदलकर \(M^{1}\) हो जाती है, परन्तु दोनों वस्तुओं की कीमतें नहीं बदलती। नई आय होने पर उपभोक्ता सभी बंडल \(( X_{1},X_{2})\) खरीद सकता है। जिसके होने पर \(P_{1}, X_{2}\) + \(P_{2}, X_{2} ≤ M^{1}\) अब बजट रेखा का समी0 है-
\(P_{1}, X_{1} + P_{2}, X_{2} = M^{1}\)
इस समीकरण को \(X_{2}= \frac{M^{1}}{P_{2}} – \frac{P_{1}}{P_{2}} X_{1}\) के रूप में भी लिख सकते हैं।
आय में बदलाव के बाद ऊर्ध्वाधर अंतः खण्ड बदल गया है। यदि आय में वृद्धि होती है, अर्थात यदि \(M^{1}>M\) तो ऊर्ध्वाधर अतः खंड घटता है।Incorrect
मान लें कि उपभोक्ता की आय M से बदलकर \(M^{1}\) हो जाती है, परन्तु दोनों वस्तुओं की कीमतें नहीं बदलती। नई आय होने पर उपभोक्ता सभी बंडल \(( X_{1},X_{2})\) खरीद सकता है। जिसके होने पर \(P_{1}, X_{2}\) + \(P_{2}, X_{2} ≤ M^{1}\) अब बजट रेखा का समी0 है-
\(P_{1}, X_{1} + P_{2}, X_{2} = M^{1}\)
इस समीकरण को \(X_{2}= \frac{M^{1}}{P_{2}} – \frac{P_{1}}{P_{2}} X_{1}\) के रूप में भी लिख सकते हैं।
आय में बदलाव के बाद ऊर्ध्वाधर अंतः खण्ड बदल गया है। यदि आय में वृद्धि होती है, अर्थात यदि \(M^{1}>M\) तो ऊर्ध्वाधर अतः खंड घटता है।Unattempted
मान लें कि उपभोक्ता की आय M से बदलकर \(M^{1}\) हो जाती है, परन्तु दोनों वस्तुओं की कीमतें नहीं बदलती। नई आय होने पर उपभोक्ता सभी बंडल \(( X_{1},X_{2})\) खरीद सकता है। जिसके होने पर \(P_{1}, X_{2}\) + \(P_{2}, X_{2} ≤ M^{1}\) अब बजट रेखा का समी0 है-
\(P_{1}, X_{1} + P_{2}, X_{2} = M^{1}\)
इस समीकरण को \(X_{2}= \frac{M^{1}}{P_{2}} – \frac{P_{1}}{P_{2}} X_{1}\) के रूप में भी लिख सकते हैं।
आय में बदलाव के बाद ऊर्ध्वाधर अंतः खण्ड बदल गया है। यदि आय में वृद्धि होती है, अर्थात यदि \(M^{1}>M\) तो ऊर्ध्वाधर अतः खंड घटता है। -
Question 4 of 15
4. Question
1 pointsवस्तुओं के उपलब्ध बंडल में वह बदलाव जब कि उपभोक्ता की आय में वृद्धि से प्रदर्शित होता है, निम्न है-
Correct
यदि आय बढ़ती है, तो उपभोक्ता विद्यमान बाजार कीमतों पर अधिक वस्तुएं खरीद सकता है। M’>M, तब ऊर्ध्वाधर अतः खंड बढ़ता है बजट रेखा के समानंतर बाह्य विस्थापन होता है। अतः चित्र D सही है।
Incorrect
यदि आय बढ़ती है, तो उपभोक्ता विद्यमान बाजार कीमतों पर अधिक वस्तुएं खरीद सकता है। M’>M, तब ऊर्ध्वाधर अतः खंड बढ़ता है बजट रेखा के समानंतर बाह्य विस्थापन होता है। अतः चित्र D सही है।
Unattempted
यदि आय बढ़ती है, तो उपभोक्ता विद्यमान बाजार कीमतों पर अधिक वस्तुएं खरीद सकता है। M’>M, तब ऊर्ध्वाधर अतः खंड बढ़ता है बजट रेखा के समानंतर बाह्य विस्थापन होता है। अतः चित्र D सही है।
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Question 5 of 15
5. Question
1 pointsकिसी उपभोक्ता के पास 20 रूपये हैं तथा किन्हीं दो वस्तुओं की लागत 5 रूपए रखी गयी है और ये समाकलित इकाइयों के रूप में भी उपलब्ध हैं, जो बंडल उपभोक्ता नहीं खरीद सकता वह निम्न में से है/हैं-
Correct
मान लिजिए दो वस्तुओं (A व B) है जिनकी कीमत 5-5 रूपए है अर्थात A की 5 रू0 तथा B की पांच रू0 इनको एक बंडल में उपलब्ध कराया गया है जैसे- 4, 0 अर्थात(A,A,A,A)
2, 2 अर्थात (A,A,B,B)
3, 3 अर्थात (A,A,A B,B,B)
0, 4 अर्थात (B,B,B,B)
1,0 अर्थात (A)
(4,0) को लें तो = 4 X 5 = 20/-
(2, 2) को लें तो = 2X5 = 10, 2X5 = 10 [10+10] = 20/-
(3, 3) को लें तो = 3X5 = 15, 3X5 = 15 = (15+15) = 30
(0, 4) को लें तो = 4X5 = 20/-
(1, 0) को लें तो = 1X5 = 5/-
इन बंडलों में से जो उपभोक्ता खरीद सकता है वो है (4,0), (2,2), (0,4), (1,0) क्योंकि या तो इनकी कीमत 20/- है या उससे कम है। जबकि (3,3) वाले बंडल की कीमत 20 रू0 से अधिक है।Incorrect
मान लिजिए दो वस्तुओं (A व B) है जिनकी कीमत 5-5 रूपए है अर्थात A की 5 रू0 तथा B की पांच रू0 इनको एक बंडल में उपलब्ध कराया गया है जैसे- 4, 0 अर्थात(A,A,A,A)
2, 2 अर्थात (A,A,B,B)
3, 3 अर्थात (A,A,A B,B,B)
0, 4 अर्थात (B,B,B,B)
1,0 अर्थात (A)
(4,0) को लें तो = 4 X 5 = 20/-
(2, 2) को लें तो = 2X5 = 10, 2X5 = 10 [10+10] = 20/-
(3, 3) को लें तो = 3X5 = 15, 3X5 = 15 = (15+15) = 30
(0, 4) को लें तो = 4X5 = 20/-
(1, 0) को लें तो = 1X5 = 5/-
इन बंडलों में से जो उपभोक्ता खरीद सकता है वो है (4,0), (2,2), (0,4), (1,0) क्योंकि या तो इनकी कीमत 20/- है या उससे कम है। जबकि (3,3) वाले बंडल की कीमत 20 रू0 से अधिक है।Unattempted
मान लिजिए दो वस्तुओं (A व B) है जिनकी कीमत 5-5 रूपए है अर्थात A की 5 रू0 तथा B की पांच रू0 इनको एक बंडल में उपलब्ध कराया गया है जैसे- 4, 0 अर्थात(A,A,A,A)
2, 2 अर्थात (A,A,B,B)
3, 3 अर्थात (A,A,A B,B,B)
0, 4 अर्थात (B,B,B,B)
1,0 अर्थात (A)
(4,0) को लें तो = 4 X 5 = 20/-
(2, 2) को लें तो = 2X5 = 10, 2X5 = 10 [10+10] = 20/-
(3, 3) को लें तो = 3X5 = 15, 3X5 = 15 = (15+15) = 30
(0, 4) को लें तो = 4X5 = 20/-
(1, 0) को लें तो = 1X5 = 5/-
इन बंडलों में से जो उपभोक्ता खरीद सकता है वो है (4,0), (2,2), (0,4), (1,0) क्योंकि या तो इनकी कीमत 20/- है या उससे कम है। जबकि (3,3) वाले बंडल की कीमत 20 रू0 से अधिक है। -
Question 6 of 15
6. Question
1 pointsनिम्न में से अनधिमान वक्र का उदाहरण है-
Correct
अनधिमान वक्र उन सभी बिंदुओं को जोड़ता है जो उन बंडलों का प्रतिनिधित्व करतें हैं। जिनके प्रति उपभोक्ता तटस्थ हैं। इसे एक उदारण के द्वारा समझा जा सकता है। (0,0), (0,1), (0,2), (0,3), (0,4), (1,0), (1,1), (1,2), (1,3), (2,0), (2,1), (2,2), (3,0), (3,1) तथा (4,0)
किसी उपभोक्ता का अधिमान इस तरह हैं- उपभोक्ता का सर्वाधिक अधिमान/ तटस्थ बंडल (2,2) है। वह (1, 3) तथा (3,1) के बीच तटस्थ है। वह (2,2) को छोड़ कर अन्य बंडलों की तुलना में इन दोनों बंडल को अधिमान देता है। वह (1, 2) व (2,1) के बीच तटस्थ है। वह (2, 2), (1, 3) व (3, 1) को छोड़कर अन्य किसी भी बंडल की तुलना में इन दोनों बंडलों को अधिमान देता है।
उपभोक्ता किसी भी ऐसे बंडल के लिए जिसमें केवल एक ही वस्तु तथा (0,0) बंडल के प्रति तटस्थ है। जिस बंडल में दोनों वस्तुओं की धनात्मक मात्रा हो उसे केवल एक ही वस्तु वाले बंडल की तुलना में अधिमानता दी जाती है।
इस उपभोक्ता के लिए जो बंडल उपलब्ध है उनका श्रेणीकरण उसके अधिमान के अनुसार सबसे अधिक अधिमान से सबसे कम अधिमान के आधार पर किया जा सकता है। किन्हीं दो या अधिक तटस्थ बंडलों को समान क्रम सं0 में रखा जाता है।बंडल श्रेणीकरण
(2, 2) पहला
(1, 3),(3,1) दूसरा
(1, 2), (2, 1) तीसरा
(1, 1) चौथा
(0,0), (0,1), (0,2), (0,3),(0,4),(2,0),(3,0),(4,0) पांचवांIncorrect
Unattempted
-
Question 7 of 15
7. Question
1 pointsनिम्न कथनों पर विचार कीजिए-
1. बजट सेट में से उपभोक्ता उपभोग बंडल का चयन नहीं कर सकता है।
2. बंडलों को क्रम संख्या देकर उनका श्रेणीकरण से अधिमानों को प्रदर्शित करना संभव है।
3. उपभोक्ता का इष्टम बडंल ऐसे बिन्दु पर स्थित होता है, जहाँ बजट रेखा किसी एक अनधिमान वक्र को स्पर्श करती हो।
4. सभी बंडलों पर उपभोक्ता के अधिमानों को अनधिमान वक्र-समूहों द्वारा दर्शाया जा सकता है जिसे उपभोक्ता का अनधिमान मानचित्र कहते हैं।
उपरोक्त कथन/कथनों में से सही है/हैं ?Correct
बजट सेट में वे सभी बंडल शामिल है जो कि उपभोक्ता के लिए उपलब्ध होते हैं। उपभोक्ता अपने बचट सेट में से उपभोग बंडल का चयन कर सकता है।
प्रायः बंडलों को क्रम संख्या देकर उनका श्रेणीकरण या कोटि निर्धारण सुरक्षित रहे, अधिमनों को प्रदर्शित करना संभव है। श्रेणीकरण को बनाये रखने के लिए अनधिमानता प्राय बंडलों को अधिक अंक देने की आवश्यकता होती है, इसे प्रायोजन के लिए बंडलों को दिये गए इन अंकों को उन बंडलों की उपयोगिता कहा जाता है।
उपभोक्ता का इष्टम बंडल ऐसे बिन्दु पर स्थित होता है। जहाँ बजट रेखा किसी एक अनधिमान वक्र को स्पर्श करती है। यदि बजट रेखा अनधिमान वक्र के किसी बिन्दु को स्पर्श करती हो, तो अनधिमान वक्र की प्रषणता का निरपेक्ष कीमत और बजट रेखा (कीमत अनुपात) का निरपेक्ष कीमत उस बिन्दु पर एक समान होंगे।अनधिमान वक्र समूह तीर यह दर्शाता है कि उपभोक्ता निचले अधिमान वक्रों पर स्थिर बंडलों की अपेक्षा ऊँचे अनधिमान वक्रों पर स्थिर बंडलों को अधिमानता देता है।
सभी बंडलों पर उपभोक्ता के अधिमानों को अनधिमान वक्र समूहों द्वारा दर्शाया जा सकता है। इसे उपभोक्ता का अनधिमान मानचित्र कहते हैं। अनधिमान वक्र पर स्थित सभी बिन्दु उन बंडलों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिन्हें उपभोक्ता तटस्थ मानता है।Incorrect
बजट सेट में वे सभी बंडल शामिल है जो कि उपभोक्ता के लिए उपलब्ध होते हैं। उपभोक्ता अपने बचट सेट में से उपभोग बंडल का चयन कर सकता है।
प्रायः बंडलों को क्रम संख्या देकर उनका श्रेणीकरण या कोटि निर्धारण सुरक्षित रहे, अधिमनों को प्रदर्शित करना संभव है। श्रेणीकरण को बनाये रखने के लिए अनधिमानता प्राय बंडलों को अधिक अंक देने की आवश्यकता होती है, इसे प्रायोजन के लिए बंडलों को दिये गए इन अंकों को उन बंडलों की उपयोगिता कहा जाता है।
उपभोक्ता का इष्टम बंडल ऐसे बिन्दु पर स्थित होता है। जहाँ बजट रेखा किसी एक अनधिमान वक्र को स्पर्श करती है। यदि बजट रेखा अनधिमान वक्र के किसी बिन्दु को स्पर्श करती हो, तो अनधिमान वक्र की प्रषणता का निरपेक्ष कीमत और बजट रेखा (कीमत अनुपात) का निरपेक्ष कीमत उस बिन्दु पर एक समान होंगे।अनधिमान वक्र समूह तीर यह दर्शाता है कि उपभोक्ता निचले अधिमान वक्रों पर स्थिर बंडलों की अपेक्षा ऊँचे अनधिमान वक्रों पर स्थिर बंडलों को अधिमानता देता है।
सभी बंडलों पर उपभोक्ता के अधिमानों को अनधिमान वक्र समूहों द्वारा दर्शाया जा सकता है। इसे उपभोक्ता का अनधिमान मानचित्र कहते हैं। अनधिमान वक्र पर स्थित सभी बिन्दु उन बंडलों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिन्हें उपभोक्ता तटस्थ मानता है।Unattempted
बजट सेट में वे सभी बंडल शामिल है जो कि उपभोक्ता के लिए उपलब्ध होते हैं। उपभोक्ता अपने बचट सेट में से उपभोग बंडल का चयन कर सकता है।
प्रायः बंडलों को क्रम संख्या देकर उनका श्रेणीकरण या कोटि निर्धारण सुरक्षित रहे, अधिमनों को प्रदर्शित करना संभव है। श्रेणीकरण को बनाये रखने के लिए अनधिमानता प्राय बंडलों को अधिक अंक देने की आवश्यकता होती है, इसे प्रायोजन के लिए बंडलों को दिये गए इन अंकों को उन बंडलों की उपयोगिता कहा जाता है।
उपभोक्ता का इष्टम बंडल ऐसे बिन्दु पर स्थित होता है। जहाँ बजट रेखा किसी एक अनधिमान वक्र को स्पर्श करती है। यदि बजट रेखा अनधिमान वक्र के किसी बिन्दु को स्पर्श करती हो, तो अनधिमान वक्र की प्रषणता का निरपेक्ष कीमत और बजट रेखा (कीमत अनुपात) का निरपेक्ष कीमत उस बिन्दु पर एक समान होंगे।अनधिमान वक्र समूह तीर यह दर्शाता है कि उपभोक्ता निचले अधिमान वक्रों पर स्थिर बंडलों की अपेक्षा ऊँचे अनधिमान वक्रों पर स्थिर बंडलों को अधिमानता देता है।
सभी बंडलों पर उपभोक्ता के अधिमानों को अनधिमान वक्र समूहों द्वारा दर्शाया जा सकता है। इसे उपभोक्ता का अनधिमान मानचित्र कहते हैं। अनधिमान वक्र पर स्थित सभी बिन्दु उन बंडलों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिन्हें उपभोक्ता तटस्थ मानता है। -
Question 8 of 15
8. Question
1 pointsनिम्न चित्र में बिंदु C क्या दर्शाता है ?
- C बिंदु में वस्तु 2 की अधिक मात्रा है व वस्तु 1 की कम मात्रा है।
- C बिंदु में वस्तु 1 की अधिक मात्रा है और वस्तु 2 की कम मात्रा है।
- बिन्दु C में वस्तु 1 की अधिक मात्रा है तथा A की तुलना में वस्तु 2 की समान मात्रा है।
- बिन्दु B की तुलना में, C बिन्दु पर वस्तु 2 की अधिक मात्रा है तथा वस्तु 1 की समान मात्रा है।
उपरोक्त विकल्प/विकल्पों में सही है/हैं-
Correct
बिन्दु C अधिमान वक्र के ऊपर स्थित है जबकि बिन्दु A व B अनधिमान वक्र पर स्थित है बिन्दु C में वस्तु 1 की अधिक मात्रा है तथा A की तुलना में वस्तु 2 की समान मात्रा है। बिन्दु B की तुलना में C बिन्दु पर वस्तु 2 की अधिक मात्रा है तथा वस्तु 1 की समान मात्रा है। साथ ही अनधिमान वक्र के A B खंड पर स्थित अन्य बिन्दु की तुलना में इसमें दोनों वस्तुओं की अधिक मात्रा भी है।
Incorrect
बिन्दु C अधिमान वक्र के ऊपर स्थित है जबकि बिन्दु A व B अनधिमान वक्र पर स्थित है बिन्दु C में वस्तु 1 की अधिक मात्रा है तथा A की तुलना में वस्तु 2 की समान मात्रा है। बिन्दु B की तुलना में C बिन्दु पर वस्तु 2 की अधिक मात्रा है तथा वस्तु 1 की समान मात्रा है। साथ ही अनधिमान वक्र के A B खंड पर स्थित अन्य बिन्दु की तुलना में इसमें दोनों वस्तुओं की अधिक मात्रा भी है।
Unattempted
बिन्दु C अधिमान वक्र के ऊपर स्थित है जबकि बिन्दु A व B अनधिमान वक्र पर स्थित है बिन्दु C में वस्तु 1 की अधिक मात्रा है तथा A की तुलना में वस्तु 2 की समान मात्रा है। बिन्दु B की तुलना में C बिन्दु पर वस्तु 2 की अधिक मात्रा है तथा वस्तु 1 की समान मात्रा है। साथ ही अनधिमान वक्र के A B खंड पर स्थित अन्य बिन्दु की तुलना में इसमें दोनों वस्तुओं की अधिक मात्रा भी है।
-
Question 9 of 15
9. Question
1 pointsउपभोक्ता की मांग इसकी कीमत के एक फलन के रूप में किस प्रकार प्रदर्शित की जा सकती हैः-
Correct
किसी वस्तु की मात्रा के लिये उपभोक्ता का इष्टम चयन तथा उसकी कीमत में संबंध अत्यंत महत्वपूर्ण है तथा यह संबंध माँग फलन कहलाता है। किसी वस्तु के लिए उपभोक्ता की मांग फलन वस्तु की वह मात्रा दर्शाता है, जब अन्य वस्तुओं के पूर्ववत् रहने पर उपभोक्ता कीमत के विभिन्न स्तरों पर उसका चयन करता है।
q = d (p)
जहाँ q = मात्रा
p = वस्तु की कीमत को इंगित करता है।मांग फलन का ग्राफीय चित्रण मांग वक्र कहलाता है |
Incorrect
किसी वस्तु की मात्रा के लिये उपभोक्ता का इष्टम चयन तथा उसकी कीमत में संबंध अत्यंत महत्वपूर्ण है तथा यह संबंध माँग फलन कहलाता है। किसी वस्तु के लिए उपभोक्ता की मांग फलन वस्तु की वह मात्रा दर्शाता है, जब अन्य वस्तुओं के पूर्ववत् रहने पर उपभोक्ता कीमत के विभिन्न स्तरों पर उसका चयन करता है।
q = d (p)
जहाँ q = मात्रा
p = वस्तु की कीमत को इंगित करता है।मांग फलन का ग्राफीय चित्रण मांग वक्र कहलाता है |
Unattempted
किसी वस्तु की मात्रा के लिये उपभोक्ता का इष्टम चयन तथा उसकी कीमत में संबंध अत्यंत महत्वपूर्ण है तथा यह संबंध माँग फलन कहलाता है। किसी वस्तु के लिए उपभोक्ता की मांग फलन वस्तु की वह मात्रा दर्शाता है, जब अन्य वस्तुओं के पूर्ववत् रहने पर उपभोक्ता कीमत के विभिन्न स्तरों पर उसका चयन करता है।
q = d (p)
जहाँ q = मात्रा
p = वस्तु की कीमत को इंगित करता है।मांग फलन का ग्राफीय चित्रण मांग वक्र कहलाता है |
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Question 10 of 15
10. Question
1 pointsनिम्न कथनों में से सही नहीं है-
Correct
उपभोक्ता का किसी वस्तु के लिए मांग तथा उस वस्तु की कीमत के बीच संबंध साधारणतः नकारात्मक होता है। वस्तु की मात्रा जो उपभोक्ता का इष्टम चयन होगा, वह वस्तु की कीमत गिरने से संभवित रूप से बढ़ सकता है तथा यह वस्तु की कीमत में वृद्धि होने पर संभवित रूप से घट सकता है।
वस्तु की मात्रा जिसका चयन उपभोक्ता इष्टम रूप में करता है, वस्तु की अपनी कीमत अन्य वस्तुओं की कीमतों, उपभोक्ता की आय, उसकी रूचि तथा अधिमानों पर निर्भर करता है। इनमें से एक या एक से अधिक परिवर्तों में परिवर्तन होता है तो उपभोक्ता द्वारा चयनित वस्तु की मात्रा में भी परिवर्तन आने की संभावना हो जाती है।
जैसे-जैसे वस्तु 1 की मात्रा में वृद्धि होती है वस्तु 2 तथा वस्तु 1 के बीच प्रतिस्थापन का दर गिरता जाता है। इस प्रकार के अधिमानों को अवमुख अधिमान कहा जाता है। उपभोक्ता के अधिमानों को प्रायः इस रूप में माना जाता है कि उसके पास वस्तु 1 की अधिक मात्रा है तथा वस्तु 2 की कम इसलिए वह वस्तु 1 की एक अतिरिक्त इकाई लेने के लिए वह वस्तु 2 की जितनी मात्रा को छोड़ देना चाहेगा, वह कम हो जाएगी। यदि किसी वस्तु के लिए किसी उपभोक्ता की मांग उसी दिशा में है जिस दिशा में उपभोक्ता की आय है तो उस वस्तु के लिए उपभोक्ता की माँग का उसकी कीमत के साथ विपरीत संबंध होता है।Incorrect
उपभोक्ता का किसी वस्तु के लिए मांग तथा उस वस्तु की कीमत के बीच संबंध साधारणतः नकारात्मक होता है। वस्तु की मात्रा जो उपभोक्ता का इष्टम चयन होगा, वह वस्तु की कीमत गिरने से संभवित रूप से बढ़ सकता है तथा यह वस्तु की कीमत में वृद्धि होने पर संभवित रूप से घट सकता है।
वस्तु की मात्रा जिसका चयन उपभोक्ता इष्टम रूप में करता है, वस्तु की अपनी कीमत अन्य वस्तुओं की कीमतों, उपभोक्ता की आय, उसकी रूचि तथा अधिमानों पर निर्भर करता है। इनमें से एक या एक से अधिक परिवर्तों में परिवर्तन होता है तो उपभोक्ता द्वारा चयनित वस्तु की मात्रा में भी परिवर्तन आने की संभावना हो जाती है।
जैसे-जैसे वस्तु 1 की मात्रा में वृद्धि होती है वस्तु 2 तथा वस्तु 1 के बीच प्रतिस्थापन का दर गिरता जाता है। इस प्रकार के अधिमानों को अवमुख अधिमान कहा जाता है। उपभोक्ता के अधिमानों को प्रायः इस रूप में माना जाता है कि उसके पास वस्तु 1 की अधिक मात्रा है तथा वस्तु 2 की कम इसलिए वह वस्तु 1 की एक अतिरिक्त इकाई लेने के लिए वह वस्तु 2 की जितनी मात्रा को छोड़ देना चाहेगा, वह कम हो जाएगी। यदि किसी वस्तु के लिए किसी उपभोक्ता की मांग उसी दिशा में है जिस दिशा में उपभोक्ता की आय है तो उस वस्तु के लिए उपभोक्ता की माँग का उसकी कीमत के साथ विपरीत संबंध होता है।Unattempted
उपभोक्ता का किसी वस्तु के लिए मांग तथा उस वस्तु की कीमत के बीच संबंध साधारणतः नकारात्मक होता है। वस्तु की मात्रा जो उपभोक्ता का इष्टम चयन होगा, वह वस्तु की कीमत गिरने से संभवित रूप से बढ़ सकता है तथा यह वस्तु की कीमत में वृद्धि होने पर संभवित रूप से घट सकता है।
वस्तु की मात्रा जिसका चयन उपभोक्ता इष्टम रूप में करता है, वस्तु की अपनी कीमत अन्य वस्तुओं की कीमतों, उपभोक्ता की आय, उसकी रूचि तथा अधिमानों पर निर्भर करता है। इनमें से एक या एक से अधिक परिवर्तों में परिवर्तन होता है तो उपभोक्ता द्वारा चयनित वस्तु की मात्रा में भी परिवर्तन आने की संभावना हो जाती है।
जैसे-जैसे वस्तु 1 की मात्रा में वृद्धि होती है वस्तु 2 तथा वस्तु 1 के बीच प्रतिस्थापन का दर गिरता जाता है। इस प्रकार के अधिमानों को अवमुख अधिमान कहा जाता है। उपभोक्ता के अधिमानों को प्रायः इस रूप में माना जाता है कि उसके पास वस्तु 1 की अधिक मात्रा है तथा वस्तु 2 की कम इसलिए वह वस्तु 1 की एक अतिरिक्त इकाई लेने के लिए वह वस्तु 2 की जितनी मात्रा को छोड़ देना चाहेगा, वह कम हो जाएगी। यदि किसी वस्तु के लिए किसी उपभोक्ता की मांग उसी दिशा में है जिस दिशा में उपभोक्ता की आय है तो उस वस्तु के लिए उपभोक्ता की माँग का उसकी कीमत के साथ विपरीत संबंध होता है। -
Question 11 of 15
11. Question
1 pointsनिम्न कथनों पर विचार करें-
- निम्न स्तरीय वस्तुओं में खाद्य पदार्थ, मोटे अनाज इत्यादि आते हैं।
- जैसे-जैसे उपभोक्ता की आय घटती है निम्न स्तरीय वस्तुओं की मांग बढ़ती है।
- निम्न स्तरीय वस्तुओं की माँग उपभोक्ता की आय के विपरीत दिशा में जाती है।
उपरोक्त कथन/कथनों में सही है/हैं-
Correct
उपभोक्ता की आय में वृद्धि होने पर किसी वस्तु के लिए उपभोक्ता की मांग बढ़ या घट सकती है और यह वस्तु के स्वरूप पर निर्भर करता है। अधिकतर वस्तु जिनका चयन उपभोक्ता करता है उसकी मात्रा में वृद्धि होती है। जब उपभोक्ता की आय में वृद्धि होती है तथा वस्तु की मात्रा में कमी आती है। ऐसी वस्तुएँ सामान्य वस्तुएँ कहलाती हैं।
अतः एक उपभोक्ता की मांग सामान्य वस्तु के लिए उसी दिशा में गति करती हैं। जिस दिशा में उपभोक्ता की आय है। परन्तु कुछ वस्तुएं जिनके लिए माँग उपभोक्ता की आय के विपरीत दिशा में जाती है। ऐसी वस्तुओं को निम्नस्तरीय वस्तुएं कहा जाता है। उपभोक्ता की आय जैसे-जैसे बढ़ती है, निम्नस्तरीय वस्तुओं के लिए माँग घटती जाती है। इसके विपरीत आय जैसे–जैसे घटती है। निम्नस्तरीय वस्तुओं की माँग बढ़ जाती है। निम्नस्तरीय वस्तुओं के उदाहरण है, निम्नस्तरीय खाद्य पदार्थ, मोटे अनाज आदि।Incorrect
उपभोक्ता की आय में वृद्धि होने पर किसी वस्तु के लिए उपभोक्ता की मांग बढ़ या घट सकती है और यह वस्तु के स्वरूप पर निर्भर करता है। अधिकतर वस्तु जिनका चयन उपभोक्ता करता है उसकी मात्रा में वृद्धि होती है। जब उपभोक्ता की आय में वृद्धि होती है तथा वस्तु की मात्रा में कमी आती है। ऐसी वस्तुएँ सामान्य वस्तुएँ कहलाती हैं।
अतः एक उपभोक्ता की मांग सामान्य वस्तु के लिए उसी दिशा में गति करती हैं। जिस दिशा में उपभोक्ता की आय है। परन्तु कुछ वस्तुएं जिनके लिए माँग उपभोक्ता की आय के विपरीत दिशा में जाती है। ऐसी वस्तुओं को निम्नस्तरीय वस्तुएं कहा जाता है। उपभोक्ता की आय जैसे-जैसे बढ़ती है, निम्नस्तरीय वस्तुओं के लिए माँग घटती जाती है। इसके विपरीत आय जैसे–जैसे घटती है। निम्नस्तरीय वस्तुओं की माँग बढ़ जाती है। निम्नस्तरीय वस्तुओं के उदाहरण है, निम्नस्तरीय खाद्य पदार्थ, मोटे अनाज आदि।Unattempted
उपभोक्ता की आय में वृद्धि होने पर किसी वस्तु के लिए उपभोक्ता की मांग बढ़ या घट सकती है और यह वस्तु के स्वरूप पर निर्भर करता है। अधिकतर वस्तु जिनका चयन उपभोक्ता करता है उसकी मात्रा में वृद्धि होती है। जब उपभोक्ता की आय में वृद्धि होती है तथा वस्तु की मात्रा में कमी आती है। ऐसी वस्तुएँ सामान्य वस्तुएँ कहलाती हैं।
अतः एक उपभोक्ता की मांग सामान्य वस्तु के लिए उसी दिशा में गति करती हैं। जिस दिशा में उपभोक्ता की आय है। परन्तु कुछ वस्तुएं जिनके लिए माँग उपभोक्ता की आय के विपरीत दिशा में जाती है। ऐसी वस्तुओं को निम्नस्तरीय वस्तुएं कहा जाता है। उपभोक्ता की आय जैसे-जैसे बढ़ती है, निम्नस्तरीय वस्तुओं के लिए माँग घटती जाती है। इसके विपरीत आय जैसे–जैसे घटती है। निम्नस्तरीय वस्तुओं की माँग बढ़ जाती है। निम्नस्तरीय वस्तुओं के उदाहरण है, निम्नस्तरीय खाद्य पदार्थ, मोटे अनाज आदि। -
Question 12 of 15
12. Question
1 pointsनिम्न कथनों पर विचार कीजिए-
- किसी भी वस्तु के लिए मांग उसकी कीमत के विपरीत दिशा में जाती है, परन्तु कीमत में परिवर्तन का प्रभाव सदैव समान नहीं रहता।
- किसी वस्तु के ले मांग की कीमत लोच वस्तु की प्रकृति और वस्तु के निकटतम स्थानापन्न वस्तु की उपलब्धता पर निर्भर करती है।
- किसी वस्तु पर ब्यय उस वस्तु की मांग के बराबर होता है, जो उस वस्तु की कीमत का गुणक है।
उपरोक्त कथन/कथनों में सही है/हैं –
Correct
किसी भी वस्तु के लिए मांग उसकी कीमत के विपरीत दिशा में जाती है। परन्तु कीमत में परिवर्तन का प्रभाव सदैव समान नहीं रहता। कभी-कभी छोटे से कीमत परिवर्तनों के कारण भी मांग में अत्यधिक परिवर्तन हो जाता है। किसी वस्तु के लिए मांग की कीमत लोच वस्तु की प्रकृति और वस्तु के निकटतम स्थानापन्न वस्तु की उपलब्धता पर निर्भर करती है। जैसे-खाद्य पदार्थों जैसे आवश्यक वस्तुएं, ऐसी वस्तुएं जीवन के लिए आवश्यक होती है तथा उनकी कीमतों में परिवर्तन होने पर उनके लिए मांग में बहुत परिवर्तन नहीं होता।
किसी वस्तु पर ब्यय उस वस्तु की मांग के बराबर होता है। जो उस वस्तु की कीमत का गुणाक है। प्रायः यह जानना महत्वपूर्ण होता है कि किसी वस्तु की कीमत में बदलाव से उस पर होने वाले खर्च में कैसे परिवर्तन होता है। वस्तु की कीमत तथा वस्तु के लिए माँग एक दूसरे से प्रतिलोमतः संबंध हैं।Incorrect
किसी भी वस्तु के लिए मांग उसकी कीमत के विपरीत दिशा में जाती है। परन्तु कीमत में परिवर्तन का प्रभाव सदैव समान नहीं रहता। कभी-कभी छोटे से कीमत परिवर्तनों के कारण भी मांग में अत्यधिक परिवर्तन हो जाता है। किसी वस्तु के लिए मांग की कीमत लोच वस्तु की प्रकृति और वस्तु के निकटतम स्थानापन्न वस्तु की उपलब्धता पर निर्भर करती है। जैसे-खाद्य पदार्थों जैसे आवश्यक वस्तुएं, ऐसी वस्तुएं जीवन के लिए आवश्यक होती है तथा उनकी कीमतों में परिवर्तन होने पर उनके लिए मांग में बहुत परिवर्तन नहीं होता।
किसी वस्तु पर ब्यय उस वस्तु की मांग के बराबर होता है। जो उस वस्तु की कीमत का गुणाक है। प्रायः यह जानना महत्वपूर्ण होता है कि किसी वस्तु की कीमत में बदलाव से उस पर होने वाले खर्च में कैसे परिवर्तन होता है। वस्तु की कीमत तथा वस्तु के लिए माँग एक दूसरे से प्रतिलोमतः संबंध हैं।Unattempted
किसी भी वस्तु के लिए मांग उसकी कीमत के विपरीत दिशा में जाती है। परन्तु कीमत में परिवर्तन का प्रभाव सदैव समान नहीं रहता। कभी-कभी छोटे से कीमत परिवर्तनों के कारण भी मांग में अत्यधिक परिवर्तन हो जाता है। किसी वस्तु के लिए मांग की कीमत लोच वस्तु की प्रकृति और वस्तु के निकटतम स्थानापन्न वस्तु की उपलब्धता पर निर्भर करती है। जैसे-खाद्य पदार्थों जैसे आवश्यक वस्तुएं, ऐसी वस्तुएं जीवन के लिए आवश्यक होती है तथा उनकी कीमतों में परिवर्तन होने पर उनके लिए मांग में बहुत परिवर्तन नहीं होता।
किसी वस्तु पर ब्यय उस वस्तु की मांग के बराबर होता है। जो उस वस्तु की कीमत का गुणाक है। प्रायः यह जानना महत्वपूर्ण होता है कि किसी वस्तु की कीमत में बदलाव से उस पर होने वाले खर्च में कैसे परिवर्तन होता है। वस्तु की कीमत तथा वस्तु के लिए माँग एक दूसरे से प्रतिलोमतः संबंध हैं। -
Question 13 of 15
13. Question
1 pointsएक वस्तु के लिए माँग की कीमत लोच है-
Correct
किसी वस्तु की माँग में प्रतिशत परिवर्तन को उस वस्तु की कीमत में प्रतिशत परिवर्तन से भाग देने पर प्राप्त भागफल किसी वस्तु के लिए ‘माँग की कीमत लोच’ है। माँग की कीमत लोच एक संख्या है तथा यह वस्तु की कीमत तथा उसकी मात्रा मापने के ले उपयोग में लाई जाने वाली इकाइयों पर निर्भर नहीं करती। किसी वस्तु की कीमत के प्रति उस वस्तु की मांग जितनी ही अधिक अनुक्रियात्मक होती है, उस वस्तु की मांग की कीमत लोच उतनी ही अधिक होती है। यदि किसी कीमत पर किसी वस्तु की मांग में प्रतिशत परिवर्तन से कम है तो | \(e_{D} |<1\) तथा उस वस्तु की उस कीमत पर मांग लोचहीन कही जाती है। | \(e_{D}\) | = 1 वस्तु के लिए मांग उस कीमत पर इकाई लोचदार कही जाएगी। | \(e_{D}\)|>1 वस्तु के लिए उस कीमत पर माँग लोचदार कही जाएगी।
Incorrect
किसी वस्तु की माँग में प्रतिशत परिवर्तन को उस वस्तु की कीमत में प्रतिशत परिवर्तन से भाग देने पर प्राप्त भागफल किसी वस्तु के लिए ‘माँग की कीमत लोच’ है। माँग की कीमत लोच एक संख्या है तथा यह वस्तु की कीमत तथा उसकी मात्रा मापने के ले उपयोग में लाई जाने वाली इकाइयों पर निर्भर नहीं करती। किसी वस्तु की कीमत के प्रति उस वस्तु की मांग जितनी ही अधिक अनुक्रियात्मक होती है, उस वस्तु की मांग की कीमत लोच उतनी ही अधिक होती है। यदि किसी कीमत पर किसी वस्तु की मांग में प्रतिशत परिवर्तन से कम है तो | \(e_{D} |<1\) तथा उस वस्तु की उस कीमत पर मांग लोचहीन कही जाती है। | \(e_{D}\) | = 1 वस्तु के लिए मांग उस कीमत पर इकाई लोचदार कही जाएगी। | \(e_{D}\)|>1 वस्तु के लिए उस कीमत पर माँग लोचदार कही जाएगी।
Unattempted
किसी वस्तु की माँग में प्रतिशत परिवर्तन को उस वस्तु की कीमत में प्रतिशत परिवर्तन से भाग देने पर प्राप्त भागफल किसी वस्तु के लिए ‘माँग की कीमत लोच’ है। माँग की कीमत लोच एक संख्या है तथा यह वस्तु की कीमत तथा उसकी मात्रा मापने के ले उपयोग में लाई जाने वाली इकाइयों पर निर्भर नहीं करती। किसी वस्तु की कीमत के प्रति उस वस्तु की मांग जितनी ही अधिक अनुक्रियात्मक होती है, उस वस्तु की मांग की कीमत लोच उतनी ही अधिक होती है। यदि किसी कीमत पर किसी वस्तु की मांग में प्रतिशत परिवर्तन से कम है तो | \(e_{D} |<1\) तथा उस वस्तु की उस कीमत पर मांग लोचहीन कही जाती है। | \(e_{D}\) | = 1 वस्तु के लिए मांग उस कीमत पर इकाई लोचदार कही जाएगी। | \(e_{D}\)|>1 वस्तु के लिए उस कीमत पर माँग लोचदार कही जाएगी।
-
Question 14 of 15
14. Question
1 pointsनिम्न में से कौन-सा चित्र ‘उभोक्ता के अधिमान में परिवर्तन वस्तु के पक्ष में है’ यह दर्शाता है-
Correct
उपभोक्ता की रूचियों और अधिमान में परिवर्तन के कारण भी मांग वक्र शिफ्ट हो सकता है। उपभोक्ता का अधिमान में परिवर्तन यदि किसी वस्तु के पक्ष में होता है तो तब ऐसी वस्तु के लिए मांग वक्र का शिफ्ट दाई ओर होगा। इसके विपरीत उपभोक्ता के अधिमान में परिवर्तन यदि प्रतिकूल होता है, तब मांग वक्र का शिफ्ट बाई ओर होता है।
उदाहरणः- गर्मी में आइसक्रीम के मांग का वक्र दाई ओर शिफ्ट होगा। क्योंकि इस मौसम में आइसक्रीम को लोग अधिक पसंद करते हैं। जैसा कि चित्र (a) में है।Incorrect
उपभोक्ता की रूचियों और अधिमान में परिवर्तन के कारण भी मांग वक्र शिफ्ट हो सकता है। उपभोक्ता का अधिमान में परिवर्तन यदि किसी वस्तु के पक्ष में होता है तो तब ऐसी वस्तु के लिए मांग वक्र का शिफ्ट दाई ओर होगा। इसके विपरीत उपभोक्ता के अधिमान में परिवर्तन यदि प्रतिकूल होता है, तब मांग वक्र का शिफ्ट बाई ओर होता है।
उदाहरणः- गर्मी में आइसक्रीम के मांग का वक्र दाई ओर शिफ्ट होगा। क्योंकि इस मौसम में आइसक्रीम को लोग अधिक पसंद करते हैं। जैसा कि चित्र (a) में है।Unattempted
उपभोक्ता की रूचियों और अधिमान में परिवर्तन के कारण भी मांग वक्र शिफ्ट हो सकता है। उपभोक्ता का अधिमान में परिवर्तन यदि किसी वस्तु के पक्ष में होता है तो तब ऐसी वस्तु के लिए मांग वक्र का शिफ्ट दाई ओर होगा। इसके विपरीत उपभोक्ता के अधिमान में परिवर्तन यदि प्रतिकूल होता है, तब मांग वक्र का शिफ्ट बाई ओर होता है।
उदाहरणः- गर्मी में आइसक्रीम के मांग का वक्र दाई ओर शिफ्ट होगा। क्योंकि इस मौसम में आइसक्रीम को लोग अधिक पसंद करते हैं। जैसा कि चित्र (a) में है। -
Question 15 of 15
15. Question
1 pointsनिम्न में से ‘पूरक’ वस्तुओं का उदाहरण है-
Correct
जिन वस्तुओं का साथ-साथ उपयोग किया जाता है उन्हें पूरक वस्तुएँ कहते हैं, जैसे- चाय व चीनी कलम व स्याही इत्यादि।
Incorrect
जिन वस्तुओं का साथ-साथ उपयोग किया जाता है उन्हें पूरक वस्तुएँ कहते हैं, जैसे- चाय व चीनी कलम व स्याही इत्यादि।
Unattempted
जिन वस्तुओं का साथ-साथ उपयोग किया जाता है उन्हें पूरक वस्तुएँ कहते हैं, जैसे- चाय व चीनी कलम व स्याही इत्यादि।