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Information
Name: प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी Class 9th : NCERT Geography Quiz in Hindi
Subject: Geography ( General Study )
Class: 9th
Chapter: प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी
Questions: 18 Objective Type Questions
Time Allowed: 10 Minutes
Language: Hindi
Important for: State Police, Intelligence bureau, SSC ( CGL, CHSL, GD etc), State PCS, UPSC, Railway, Patwari, Army, BSF, CRPF, NDA, UPSSC, TGT / PGT, BA, MA, B ed entrance exam, समूह ग आदि |
Especially For: UPSC CSE Prelims
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Question 1 of 18
1. Question
1 pointsरबड़ का संबंध किस प्रकार की वनस्पति से है ?
Correct
उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन भारत में पश्चिमी घाटों के अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों, लक्ष्यद्वीप अंडमान व निकोबार द्वीप समूहों असम के ऊपरी भागों तथा तमिलनाडु के तट तक सीमित हैं। आबनूस (एबोनी) महोगनी, रोजवुड, रबड़ इत्यादि वृक्ष आते हैं।
Incorrect
उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन भारत में पश्चिमी घाटों के अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों, लक्ष्यद्वीप अंडमान व निकोबार द्वीप समूहों असम के ऊपरी भागों तथा तमिलनाडु के तट तक सीमित हैं। आबनूस (एबोनी) महोगनी, रोजवुड, रबड़ इत्यादि वृक्ष आते हैं।
Unattempted
उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन भारत में पश्चिमी घाटों के अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों, लक्ष्यद्वीप अंडमान व निकोबार द्वीप समूहों असम के ऊपरी भागों तथा तमिलनाडु के तट तक सीमित हैं। आबनूस (एबोनी) महोगनी, रोजवुड, रबड़ इत्यादि वृक्ष आते हैं।
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Question 2 of 18
2. Question
1 pointsसिनकोना के वृक्ष कितनी वर्षा वाले क्षेत्र में पाए जाते हैं ?
Correct
उष्णकटिबंधीय वर्षा वन जहाँ 200 सेमी. से अधिक वर्षा के साथ एक थोड़े समय के लिए शुष्क ऋतु पाई जाती है। इन वनों में वृक्ष 60 मी. या इससे अधिक ऊँचाइयों तक पहुँचते हैं। चूंकि ये क्षेत्र वर्ष भर गर्म तथा अर्द्र होते हैं। सिनकोना वृक्ष उष्णकटिबंधीय वर्षा वन का वृक्ष है। वृक्षों में पतझड़ होने का कोई निश्चित समय नहीं होता। अतः यह वन साल भर हरे-भरे रहते हैं।
Incorrect
उष्णकटिबंधीय वर्षा वन जहाँ 200 सेमी. से अधिक वर्षा के साथ एक थोड़े समय के लिए शुष्क ऋतु पाई जाती है। इन वनों में वृक्ष 60 मी. या इससे अधिक ऊँचाइयों तक पहुँचते हैं। चूंकि ये क्षेत्र वर्ष भर गर्म तथा अर्द्र होते हैं। सिनकोना वृक्ष उष्णकटिबंधीय वर्षा वन का वृक्ष है। वृक्षों में पतझड़ होने का कोई निश्चित समय नहीं होता। अतः यह वन साल भर हरे-भरे रहते हैं।
Unattempted
उष्णकटिबंधीय वर्षा वन जहाँ 200 सेमी. से अधिक वर्षा के साथ एक थोड़े समय के लिए शुष्क ऋतु पाई जाती है। इन वनों में वृक्ष 60 मी. या इससे अधिक ऊँचाइयों तक पहुँचते हैं। चूंकि ये क्षेत्र वर्ष भर गर्म तथा अर्द्र होते हैं। सिनकोना वृक्ष उष्णकटिबंधीय वर्षा वन का वृक्ष है। वृक्षों में पतझड़ होने का कोई निश्चित समय नहीं होता। अतः यह वन साल भर हरे-भरे रहते हैं।
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Question 3 of 18
3. Question
1 pointsसिमलीपाल जीवमंडल निचय कौन-से राज्य में स्थित है-
Correct
सिमलीपाल जीव मंडल निचय ओडिसा में स्थित है।
Incorrect
सिमलीपाल जीव मंडल निचय ओडिसा में स्थित है।
Unattempted
सिमलीपाल जीव मंडल निचय ओडिसा में स्थित है।
-
Question 4 of 18
4. Question
1 pointsनिम्न में से कौन-सा सही सुमेलित है-
Correct
1500-3000 मी0 की ऊँचाई के बीच शंकुधारी वृक्ष जैसे चीड़, देवदार, सिल्वर-फर, बर्च आदि पाये जाते हैं। ये वन प्रायः हिमालय के दक्षिणी ढलानों दक्षिण और उत्तर पूर्व भारत के अधिक ऊँचाई वाले भागों में पाये जाते हैं। 3600 मी0 से अधिक ऊँचाई पर शीतोष्ण कटिबंधीय वनों तथा घास के मैदानों का स्थान अल्पाइन वनस्पति ले लेती है।
फ्लैमिंगों पक्षी प्रवासी पक्षी और साइबोरिया से भारत में कच्छ के रन में आते हैं। भारल (नीली भेड़) हिमालयी क्षेत्रों में पाये जाते हैं।
यूकोरबिया कंटीले वन की पादप प्रजाति है। अतः विकल्प B सही है।Incorrect
1500-3000 मी0 की ऊँचाई के बीच शंकुधारी वृक्ष जैसे चीड़, देवदार, सिल्वर-फर, बर्च आदि पाये जाते हैं। ये वन प्रायः हिमालय के दक्षिणी ढलानों दक्षिण और उत्तर पूर्व भारत के अधिक ऊँचाई वाले भागों में पाये जाते हैं। 3600 मी0 से अधिक ऊँचाई पर शीतोष्ण कटिबंधीय वनों तथा घास के मैदानों का स्थान अल्पाइन वनस्पति ले लेती है।
फ्लैमिंगों पक्षी प्रवासी पक्षी और साइबोरिया से भारत में कच्छ के रन में आते हैं। भारल (नीली भेड़) हिमालयी क्षेत्रों में पाये जाते हैं।
यूकोरबिया कंटीले वन की पादप प्रजाति है। अतः विकल्प B सही है।Unattempted
1500-3000 मी0 की ऊँचाई के बीच शंकुधारी वृक्ष जैसे चीड़, देवदार, सिल्वर-फर, बर्च आदि पाये जाते हैं। ये वन प्रायः हिमालय के दक्षिणी ढलानों दक्षिण और उत्तर पूर्व भारत के अधिक ऊँचाई वाले भागों में पाये जाते हैं। 3600 मी0 से अधिक ऊँचाई पर शीतोष्ण कटिबंधीय वनों तथा घास के मैदानों का स्थान अल्पाइन वनस्पति ले लेती है।
फ्लैमिंगों पक्षी प्रवासी पक्षी और साइबोरिया से भारत में कच्छ के रन में आते हैं। भारल (नीली भेड़) हिमालयी क्षेत्रों में पाये जाते हैं।
यूकोरबिया कंटीले वन की पादप प्रजाति है। अतः विकल्प B सही है। -
Question 5 of 18
5. Question
1 pointsवनस्पतियों तथा वन्य प्राणियों में विविधता का कारण हैं-
Correct
धरातल, जलवायु, जिसके अन्तर्गत भूभाग मृदा, तापमान, सूर्य का प्रकाश, वर्षण है। भूमि का वनस्पति पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। जैसे- पर्वत, पठार, मैदान और शीतोष्ण कटिबंधों में एक ही प्रकार की वनस्पति नहीं हो सकती, धरातल के स्वाभाव का वनस्पति पर बहुत प्रभाव पड़ता है।
मृदाः- विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग प्रकार की मृदा पायी जाती है। जो विविध प्रकार की वनस्पति का आधार है। मरूस्थल की बलुई मृदा में कंटीली झाड़ियां, नदियों के डेल्टा क्षेत्र में पर्णपाती वन पाए जाते हैं। पर्वतों के ढालानों पर जहाँ मृदा की परत गहरी है वहाँ शंकुधारी वन पाए जाते है और इसी प्रकार जन्तु जगत की विभिन्नताएं भी मिलती हैं।
तापमानः- वनस्थति की विविधता तथा विशेषताएं तापमान और वायु की नमी पर भी निर्भर करती है।
सूर्य का प्रकाशः- किसी भी स्थान पर सूर्य के प्रकाश का समय उस स्थान के अक्षांश, समुद्र तल से ऊंचाई एवं ऋतु पर निर्भर करता है। प्रकाश अधिक समय तक मिलने के कारण वृक्ष गर्मी की ऋतु में जल्दी बढ़ते हैं।
वर्षाः- भारत में लगभग अधिकतर वर्षा आगे बढ़ते हुए दक्षिणी पश्चिमी मानसून (जून से सितंबर तक) एवं पीछे हटते उत्तर पूर्वी मानसून से होती है। अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में कम वर्षा वाले क्षेत्रों की अपेक्षा सघन वन पाए जाते हैं।Incorrect
धरातल, जलवायु, जिसके अन्तर्गत भूभाग मृदा, तापमान, सूर्य का प्रकाश, वर्षण है। भूमि का वनस्पति पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। जैसे- पर्वत, पठार, मैदान और शीतोष्ण कटिबंधों में एक ही प्रकार की वनस्पति नहीं हो सकती, धरातल के स्वाभाव का वनस्पति पर बहुत प्रभाव पड़ता है।
मृदाः- विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग प्रकार की मृदा पायी जाती है। जो विविध प्रकार की वनस्पति का आधार है। मरूस्थल की बलुई मृदा में कंटीली झाड़ियां, नदियों के डेल्टा क्षेत्र में पर्णपाती वन पाए जाते हैं। पर्वतों के ढालानों पर जहाँ मृदा की परत गहरी है वहाँ शंकुधारी वन पाए जाते है और इसी प्रकार जन्तु जगत की विभिन्नताएं भी मिलती हैं।
तापमानः- वनस्थति की विविधता तथा विशेषताएं तापमान और वायु की नमी पर भी निर्भर करती है।
सूर्य का प्रकाशः- किसी भी स्थान पर सूर्य के प्रकाश का समय उस स्थान के अक्षांश, समुद्र तल से ऊंचाई एवं ऋतु पर निर्भर करता है। प्रकाश अधिक समय तक मिलने के कारण वृक्ष गर्मी की ऋतु में जल्दी बढ़ते हैं।
वर्षाः- भारत में लगभग अधिकतर वर्षा आगे बढ़ते हुए दक्षिणी पश्चिमी मानसून (जून से सितंबर तक) एवं पीछे हटते उत्तर पूर्वी मानसून से होती है। अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में कम वर्षा वाले क्षेत्रों की अपेक्षा सघन वन पाए जाते हैं।Unattempted
धरातल, जलवायु, जिसके अन्तर्गत भूभाग मृदा, तापमान, सूर्य का प्रकाश, वर्षण है। भूमि का वनस्पति पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। जैसे- पर्वत, पठार, मैदान और शीतोष्ण कटिबंधों में एक ही प्रकार की वनस्पति नहीं हो सकती, धरातल के स्वाभाव का वनस्पति पर बहुत प्रभाव पड़ता है।
मृदाः- विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग प्रकार की मृदा पायी जाती है। जो विविध प्रकार की वनस्पति का आधार है। मरूस्थल की बलुई मृदा में कंटीली झाड़ियां, नदियों के डेल्टा क्षेत्र में पर्णपाती वन पाए जाते हैं। पर्वतों के ढालानों पर जहाँ मृदा की परत गहरी है वहाँ शंकुधारी वन पाए जाते है और इसी प्रकार जन्तु जगत की विभिन्नताएं भी मिलती हैं।
तापमानः- वनस्थति की विविधता तथा विशेषताएं तापमान और वायु की नमी पर भी निर्भर करती है।
सूर्य का प्रकाशः- किसी भी स्थान पर सूर्य के प्रकाश का समय उस स्थान के अक्षांश, समुद्र तल से ऊंचाई एवं ऋतु पर निर्भर करता है। प्रकाश अधिक समय तक मिलने के कारण वृक्ष गर्मी की ऋतु में जल्दी बढ़ते हैं।
वर्षाः- भारत में लगभग अधिकतर वर्षा आगे बढ़ते हुए दक्षिणी पश्चिमी मानसून (जून से सितंबर तक) एवं पीछे हटते उत्तर पूर्वी मानसून से होती है। अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में कम वर्षा वाले क्षेत्रों की अपेक्षा सघन वन पाए जाते हैं। -
Question 6 of 18
6. Question
1 pointsनिम्न में से कौन-सी विशेषता उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वनों की नहीं है।
Correct
ये भारत में सबसे बड़े क्षेत्र में फैले हुए वन हैं। इन्हें मानसूनी वन भी कहते हैं। जहाँ 70cm से 200cm तक वर्षा होती है। इस प्रकार के वनों में वृक्ष शुष्क ग्रीष्म ऋतु में छः से आठ सप्ताह के लिए अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं। जल की उपलब्धता के आधार पर इन वनों को आर्द्र तथा शुष्क पर्णपाती वनों में विभाजित किया जाता है। सागौन इन वनों की सबसे प्रमुख प्रजाति है।
बास, शीशम, साल, चंदन, खैर, अर्जुन, शहतूत के वृक्ष व्यापारिक महत्व वाली प्रजातियाँ हैं। ये वन/वृक्ष — देश के पूर्वी भागों में, उत्तरी पूर्वी राज्यों, हिमालय के गिरीपद प्रदेशों, झारखण्ड, पश्चिमी उड़ीसा छत्तीसगढ़ तथा पश्चिमी घाटों के पूर्वी ढालों में पाए जाते हैं।Incorrect
ये भारत में सबसे बड़े क्षेत्र में फैले हुए वन हैं। इन्हें मानसूनी वन भी कहते हैं। जहाँ 70cm से 200cm तक वर्षा होती है। इस प्रकार के वनों में वृक्ष शुष्क ग्रीष्म ऋतु में छः से आठ सप्ताह के लिए अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं। जल की उपलब्धता के आधार पर इन वनों को आर्द्र तथा शुष्क पर्णपाती वनों में विभाजित किया जाता है। सागौन इन वनों की सबसे प्रमुख प्रजाति है।
बास, शीशम, साल, चंदन, खैर, अर्जुन, शहतूत के वृक्ष व्यापारिक महत्व वाली प्रजातियाँ हैं। ये वन/वृक्ष — देश के पूर्वी भागों में, उत्तरी पूर्वी राज्यों, हिमालय के गिरीपद प्रदेशों, झारखण्ड, पश्चिमी उड़ीसा छत्तीसगढ़ तथा पश्चिमी घाटों के पूर्वी ढालों में पाए जाते हैं।Unattempted
ये भारत में सबसे बड़े क्षेत्र में फैले हुए वन हैं। इन्हें मानसूनी वन भी कहते हैं। जहाँ 70cm से 200cm तक वर्षा होती है। इस प्रकार के वनों में वृक्ष शुष्क ग्रीष्म ऋतु में छः से आठ सप्ताह के लिए अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं। जल की उपलब्धता के आधार पर इन वनों को आर्द्र तथा शुष्क पर्णपाती वनों में विभाजित किया जाता है। सागौन इन वनों की सबसे प्रमुख प्रजाति है।
बास, शीशम, साल, चंदन, खैर, अर्जुन, शहतूत के वृक्ष व्यापारिक महत्व वाली प्रजातियाँ हैं। ये वन/वृक्ष — देश के पूर्वी भागों में, उत्तरी पूर्वी राज्यों, हिमालय के गिरीपद प्रदेशों, झारखण्ड, पश्चिमी उड़ीसा छत्तीसगढ़ तथा पश्चिमी घाटों के पूर्वी ढालों में पाए जाते हैं। -
Question 7 of 18
7. Question
1 pointsआर्द्र शीतोष्ण वन पाए जाते हैं ?
Correct
1000 मी0 से 2000 मी0 तक की ऊँचाई वाले क्षेत्रों में आर्द्र शीतोष्ण कटिबंधीय वन पाए जाते हैं। इनमें चौड़ी पत्ती वाले ओक तथा चेस्टनट जैसे वृक्षों की प्रधानता होती है।
Incorrect
1000 मी0 से 2000 मी0 तक की ऊँचाई वाले क्षेत्रों में आर्द्र शीतोष्ण कटिबंधीय वन पाए जाते हैं। इनमें चौड़ी पत्ती वाले ओक तथा चेस्टनट जैसे वृक्षों की प्रधानता होती है।
Unattempted
1000 मी0 से 2000 मी0 तक की ऊँचाई वाले क्षेत्रों में आर्द्र शीतोष्ण कटिबंधीय वन पाए जाते हैं। इनमें चौड़ी पत्ती वाले ओक तथा चेस्टनट जैसे वृक्षों की प्रधानता होती है।
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Question 8 of 18
8. Question
1 pointsमैंग्रोव वन पाए जाते हैं-
Correct
यह वनस्पति तटवर्तीय क्षेत्रों में जहाँ ज्वार, भाटा आते हैं की सबसे महत्वपूर्ण वनस्पति है। घने मैंग्रोव एक प्रकार की वनस्पति है जिसमें पौधों की जड़े पानी में डूबी रहती है। गंगा, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी, कृष्णा, महानदी तथा कावेरी नदियों के डेल्टा भाग में यह वनस्पति मिलती है।
गंगा ब्रह्मपुत्र डेल्टा में सुंदरी वृक्ष पाए जाते हैं। जिनसे मजबूत लकड़ी प्राप्त होती है।Incorrect
यह वनस्पति तटवर्तीय क्षेत्रों में जहाँ ज्वार, भाटा आते हैं की सबसे महत्वपूर्ण वनस्पति है। घने मैंग्रोव एक प्रकार की वनस्पति है जिसमें पौधों की जड़े पानी में डूबी रहती है। गंगा, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी, कृष्णा, महानदी तथा कावेरी नदियों के डेल्टा भाग में यह वनस्पति मिलती है।
गंगा ब्रह्मपुत्र डेल्टा में सुंदरी वृक्ष पाए जाते हैं। जिनसे मजबूत लकड़ी प्राप्त होती है।Unattempted
यह वनस्पति तटवर्तीय क्षेत्रों में जहाँ ज्वार, भाटा आते हैं की सबसे महत्वपूर्ण वनस्पति है। घने मैंग्रोव एक प्रकार की वनस्पति है जिसमें पौधों की जड़े पानी में डूबी रहती है। गंगा, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी, कृष्णा, महानदी तथा कावेरी नदियों के डेल्टा भाग में यह वनस्पति मिलती है।
गंगा ब्रह्मपुत्र डेल्टा में सुंदरी वृक्ष पाए जाते हैं। जिनसे मजबूत लकड़ी प्राप्त होती है। -
Question 9 of 18
9. Question
1 pointsनिम्न में से किस वृक्ष के पके हुए फल से सिरका बनाया जाता है-
Correct
जामुन के पके हुए पल के सिरका बनाया जाता है। सर्पगंधा यह रक्तचाप के निदान के लिए प्रयोग होता है और केवल भारत में ही पाया जाता है।
अर्जुनः- ताजे पत्तों का निकाला हुआ रस कान के दर्द के इलाज के लिए प्रयोग होता है। यह भी रक्तचाप की नियमिता के लिए लाभदायक है।
बबूलः- इसमें गोंद प्राप्त किया जाता है और अन्य औषधीय इलाज में प्रयोग किया जाता है।
नीमः- जैव और जीवाणु प्रतिरोधक है।
जामुन के बीज को डायबिटीज (मधुमेह) में भी प्रयोग किया जाता है।Note:- पारिस्थितिक तंत्र — एक तन्त्र जो भौतिक पर्यावरण तथा उसमें रहने वाले जीवों से मिलकर बना होता है।
Incorrect
जामुन के पके हुए पल के सिरका बनाया जाता है। सर्पगंधा यह रक्तचाप के निदान के लिए प्रयोग होता है और केवल भारत में ही पाया जाता है।
अर्जुनः- ताजे पत्तों का निकाला हुआ रस कान के दर्द के इलाज के लिए प्रयोग होता है। यह भी रक्तचाप की नियमिता के लिए लाभदायक है।
बबूलः- इसमें गोंद प्राप्त किया जाता है और अन्य औषधीय इलाज में प्रयोग किया जाता है।
नीमः- जैव और जीवाणु प्रतिरोधक है।
जामुन के बीज को डायबिटीज (मधुमेह) में भी प्रयोग किया जाता है।Note:- पारिस्थितिक तंत्र — एक तन्त्र जो भौतिक पर्यावरण तथा उसमें रहने वाले जीवों से मिलकर बना होता है।
Unattempted
जामुन के पके हुए पल के सिरका बनाया जाता है। सर्पगंधा यह रक्तचाप के निदान के लिए प्रयोग होता है और केवल भारत में ही पाया जाता है।
अर्जुनः- ताजे पत्तों का निकाला हुआ रस कान के दर्द के इलाज के लिए प्रयोग होता है। यह भी रक्तचाप की नियमिता के लिए लाभदायक है।
बबूलः- इसमें गोंद प्राप्त किया जाता है और अन्य औषधीय इलाज में प्रयोग किया जाता है।
नीमः- जैव और जीवाणु प्रतिरोधक है।
जामुन के बीज को डायबिटीज (मधुमेह) में भी प्रयोग किया जाता है।Note:- पारिस्थितिक तंत्र — एक तन्त्र जो भौतिक पर्यावरण तथा उसमें रहने वाले जीवों से मिलकर बना होता है।
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Question 10 of 18
10. Question
1 pointsशुष्क पर्णपाती वन पाए जाते हैं जहाँ वर्षा-
Correct
शुष्क पर्णपाती वन उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ वर्षा 70 सेमी. से 100 सेमी. के बीच होती है। ये वन प्रायद्वीपीय पठार के ऐसे वर्षा वाले क्षेत्रों पर उत्तर प्रदेश तथा बिहार के मैदानों में पाए जाते हैं।
विस्तृत क्षेत्रों में सागौन, साल, पीपल तथा नीम के वृक्ष उगते हैं।Incorrect
शुष्क पर्णपाती वन उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ वर्षा 70 सेमी. से 100 सेमी. के बीच होती है। ये वन प्रायद्वीपीय पठार के ऐसे वर्षा वाले क्षेत्रों पर उत्तर प्रदेश तथा बिहार के मैदानों में पाए जाते हैं।
विस्तृत क्षेत्रों में सागौन, साल, पीपल तथा नीम के वृक्ष उगते हैं।Unattempted
शुष्क पर्णपाती वन उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ वर्षा 70 सेमी. से 100 सेमी. के बीच होती है। ये वन प्रायद्वीपीय पठार के ऐसे वर्षा वाले क्षेत्रों पर उत्तर प्रदेश तथा बिहार के मैदानों में पाए जाते हैं।
विस्तृत क्षेत्रों में सागौन, साल, पीपल तथा नीम के वृक्ष उगते हैं। -
Question 11 of 18
11. Question
1 pointsभारत में जंगली गधे निम्न में से कहाँ पाए जाते हैं-
Correct
जंगली गधे भारत में कच्च रन में पाए जाते हैं तथा ऊंट थार मरूस्थल में पाये जाते हैं। असम और पश्चिम बंगाल के दलदलीय क्षेत्रों में एक सींग वाले गैडें पाए जाते हैं।
Incorrect
जंगली गधे भारत में कच्च रन में पाए जाते हैं तथा ऊंट थार मरूस्थल में पाये जाते हैं। असम और पश्चिम बंगाल के दलदलीय क्षेत्रों में एक सींग वाले गैडें पाए जाते हैं।
Unattempted
जंगली गधे भारत में कच्च रन में पाए जाते हैं तथा ऊंट थार मरूस्थल में पाये जाते हैं। असम और पश्चिम बंगाल के दलदलीय क्षेत्रों में एक सींग वाले गैडें पाए जाते हैं।
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Question 12 of 18
12. Question
1 pointsजिन क्षेत्रों में 70 सेमी. से कम वर्षा होती है वहाँ की वनस्पति होगी-
Correct
जिन क्षेत्रों में 70cm के कम वर्षा होती है, वहां प्राकृतिक वनस्पति में कंटीले वन तथा झाड़ियां पायी जाती हैं। इस प्रकार की वनस्पति देश के उत्तरी पश्चिमी भागों में पाई जाती है। जैसे — गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश तता हरियाणा के अर्द्ध शुष्क क्षेत्र सम्लिलित हैं। अकासिया, खजूर (पाम) यूकोरबिया तथा नागफनी यहाँ की मुख्य पादप प्रजातियाँ हैं। इन वनों के वृक्ष बिखरे हुए होते हैं। इनकी जड़े लंबी तथा जल की तलाश में चारों ओर पैली होती है। पत्तियां प्रायः छोटी होती हैं। जिनसे वाष्पीकरण कम से कम हो सकें। शुष्क भागों में झाड़ियां और कंटीले पादप पाए जाते हैं।
Incorrect
जिन क्षेत्रों में 70cm के कम वर्षा होती है, वहां प्राकृतिक वनस्पति में कंटीले वन तथा झाड़ियां पायी जाती हैं। इस प्रकार की वनस्पति देश के उत्तरी पश्चिमी भागों में पाई जाती है। जैसे — गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश तता हरियाणा के अर्द्ध शुष्क क्षेत्र सम्लिलित हैं। अकासिया, खजूर (पाम) यूकोरबिया तथा नागफनी यहाँ की मुख्य पादप प्रजातियाँ हैं। इन वनों के वृक्ष बिखरे हुए होते हैं। इनकी जड़े लंबी तथा जल की तलाश में चारों ओर पैली होती है। पत्तियां प्रायः छोटी होती हैं। जिनसे वाष्पीकरण कम से कम हो सकें। शुष्क भागों में झाड़ियां और कंटीले पादप पाए जाते हैं।
Unattempted
जिन क्षेत्रों में 70cm के कम वर्षा होती है, वहां प्राकृतिक वनस्पति में कंटीले वन तथा झाड़ियां पायी जाती हैं। इस प्रकार की वनस्पति देश के उत्तरी पश्चिमी भागों में पाई जाती है। जैसे — गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश तता हरियाणा के अर्द्ध शुष्क क्षेत्र सम्लिलित हैं। अकासिया, खजूर (पाम) यूकोरबिया तथा नागफनी यहाँ की मुख्य पादप प्रजातियाँ हैं। इन वनों के वृक्ष बिखरे हुए होते हैं। इनकी जड़े लंबी तथा जल की तलाश में चारों ओर पैली होती है। पत्तियां प्रायः छोटी होती हैं। जिनसे वाष्पीकरण कम से कम हो सकें। शुष्क भागों में झाड़ियां और कंटीले पादप पाए जाते हैं।
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Question 13 of 18
13. Question
1 pointsनिम्नलिखित को सुमेलित कीजिए-
जीव/जन्तु वन/प्रदेश
(1) लोमड़ी (a) उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन
(2) लाल पांडा (b) उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन
(3) मगरमच्छ (c) कंटीले वन
(4) लैमूर (d) मैंग्रोव वन
(5) हाथी (e) पर्वतीय वनCorrect
लोमड़ी — कंटीले वनों की प्राणी है।
लाल पांडा — पर्वतीय वन का प्राणी है।
मगरमच्छ — मैंग्रोव वनों में पाया जाता है।
लैमूर — उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में पाया जाने वाला प्राणी है।
हाथी — उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वनों में पाया जाता है।Incorrect
लोमड़ी — कंटीले वनों की प्राणी है।
लाल पांडा — पर्वतीय वन का प्राणी है।
मगरमच्छ — मैंग्रोव वनों में पाया जाता है।
लैमूर — उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में पाया जाने वाला प्राणी है।
हाथी — उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वनों में पाया जाता है।Unattempted
लोमड़ी — कंटीले वनों की प्राणी है।
लाल पांडा — पर्वतीय वन का प्राणी है।
मगरमच्छ — मैंग्रोव वनों में पाया जाता है।
लैमूर — उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में पाया जाने वाला प्राणी है।
हाथी — उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वनों में पाया जाता है। -
Question 14 of 18
14. Question
1 pointsजीवोम (Biome) कहते हैं-
Correct
धरातल पर एक विशिष्ट प्रकार की वनस्पति या प्राणी जीवन वाले विशाल पारिस्थितिक तन्त्र को जीवोम (Biome) कहते हैं।
Note:- एक सी जलवायु दशाओं वाले क्षेत्रों में विभिन्न वर्गों में पाए जाने वाले पादप समूह जीवोम की पहचान पादप पर आधारित होती है।Incorrect
धरातल पर एक विशिष्ट प्रकार की वनस्पति या प्राणी जीवन वाले विशाल पारिस्थितिक तन्त्र को जीवोम (Biome) कहते हैं।
Note:- एक सी जलवायु दशाओं वाले क्षेत्रों में विभिन्न वर्गों में पाए जाने वाले पादप समूह जीवोम की पहचान पादप पर आधारित होती है।Unattempted
धरातल पर एक विशिष्ट प्रकार की वनस्पति या प्राणी जीवन वाले विशाल पारिस्थितिक तन्त्र को जीवोम (Biome) कहते हैं।
Note:- एक सी जलवायु दशाओं वाले क्षेत्रों में विभिन्न वर्गों में पाए जाने वाले पादप समूह जीवोम की पहचान पादप पर आधारित होती है। -
Question 15 of 18
15. Question
1 pointsनिम्नलिखित राज्यों में से किस राज्य में वनों का क्षेत्रफल सर्वाधिक है-
Correct
मिजोरम — 90% लगभग
उत्तराखण्ड — लगभग 45%
मेघालय — लगभग 78%
झारखण्ड — लगभग 30%Incorrect
मिजोरम — 90% लगभग
उत्तराखण्ड — लगभग 45%
मेघालय — लगभग 78%
झारखण्ड — लगभग 30%Unattempted
मिजोरम — 90% लगभग
उत्तराखण्ड — लगभग 45%
मेघालय — लगभग 78%
झारखण्ड — लगभग 30% -
Question 16 of 18
16. Question
1 pointsभारत में जीव सुरक्षा अधिनियम कब लागू किया गया था-
Correct
भारत में जीव सुरक्षा अधिनियम सन 1972 में लागू किया गया था।
Incorrect
भारत में जीव सुरक्षा अधिनियम सन 1972 में लागू किया गया था।
Unattempted
भारत में जीव सुरक्षा अधिनियम सन 1972 में लागू किया गया था।
-
Question 17 of 18
17. Question
1 pointsनिम्न को सुमेलित कीजिए-
जीव आरक्षित क्षेत्र राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश
(a) नीलगिरी (1) केरल
(b) नन्दा देवी (2) उत्तराखण्ड
(c) पंचमढ़ी (3) असम
(d) मानस (4) मध्य प्रदेश
(e) अगस्त्यमलाई (5) तमिलनाडुCorrect
मानस — असम
पंचमढ़ी — मध्य प्रदेश
नन्दा देवी — उत्तराखण्ड
अगस्त्यमलाई — केरल
नीलगिरी — तमिलनाडुIncorrect
मानस — असम
पंचमढ़ी — मध्य प्रदेश
नन्दा देवी — उत्तराखण्ड
अगस्त्यमलाई — केरल
नीलगिरी — तमिलनाडुUnattempted
मानस — असम
पंचमढ़ी — मध्य प्रदेश
नन्दा देवी — उत्तराखण्ड
अगस्त्यमलाई — केरल
नीलगिरी — तमिलनाडु -
Question 18 of 18
18. Question
1 pointsनिम्न में से कौन-सा/से सुमेलित नहीं है/हैं-
वन्यप्राणी/नेशनल पार्क/पक्षी अभयवन राज्य/केन्द्र शासित
(1) दाचीगाम — जम्मू कश्मीर
(2) दुधवा — उत्तराखण्ड
(3) काजीरंगा — असम
(4) बान्दीपुर — मध्य प्रदेश
(5) कान्हा — मध्य प्रदेशCorrect
दुधवा — उत्तर प्रदेश
बान्दीपुर — कर्नाटकNote:- नेशनल पार्क — एक आरक्षित क्षेत्र जहाँ प्राकृतिक वनस्पति वन्य जीवों तथा प्राकृतिक पर्यावरण को सुरक्षित रखा जाता है।
Incorrect
दुधवा — उत्तर प्रदेश
बान्दीपुर — कर्नाटकNote:- नेशनल पार्क — एक आरक्षित क्षेत्र जहाँ प्राकृतिक वनस्पति वन्य जीवों तथा प्राकृतिक पर्यावरण को सुरक्षित रखा जाता है।
Unattempted
दुधवा — उत्तर प्रदेश
बान्दीपुर — कर्नाटकNote:- नेशनल पार्क — एक आरक्षित क्षेत्र जहाँ प्राकृतिक वनस्पति वन्य जीवों तथा प्राकृतिक पर्यावरण को सुरक्षित रखा जाता है।