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Information
Name: NCERT Geography Quiz in Hindi
Subject: Geography ( General Study )
Class: 10th
Chapter: खनिज तथा ऊर्जा संसाधन
Questions: 30 Objective Type Questions
Time Allowed: 15 Minutes
Language: Hindi
Important for: State Police, Intelligence bureau, SSC ( CGL, CHSL, GD etc), State PCS, UPSC, Railway, Patwari, Army, BSF, CRPF, NDA, UPSSC, TGT / PGT, BA, MA, B ed entrance exam, समूह ग आदि |
Especially For: UPSC CSE Prelims
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Question 1 of 30
1. Question
1 pointsनिम्न में से खनिज है-
Correct
खनिज एक प्राकृतिक रूप से विद्यमान समरूप तत्व है। जिसकी एक निश्चित आंतरिक संरचना है। खनिज प्रकृति में अनेक रूपों में पाए जाते हैं। जिसमें सबसे कठोर हीरा व नरम चूना तक सम्मिलित हैं। चूना पत्थर केवल एक ही खनिज से बनी है लेकिन अधिकतर चट्टानें विभिन्न अनुपातों के अनेक खनिजों का योग है।
Incorrect
खनिज एक प्राकृतिक रूप से विद्यमान समरूप तत्व है। जिसकी एक निश्चित आंतरिक संरचना है। खनिज प्रकृति में अनेक रूपों में पाए जाते हैं। जिसमें सबसे कठोर हीरा व नरम चूना तक सम्मिलित हैं। चूना पत्थर केवल एक ही खनिज से बनी है लेकिन अधिकतर चट्टानें विभिन्न अनुपातों के अनेक खनिजों का योग है।
Unattempted
खनिज एक प्राकृतिक रूप से विद्यमान समरूप तत्व है। जिसकी एक निश्चित आंतरिक संरचना है। खनिज प्रकृति में अनेक रूपों में पाए जाते हैं। जिसमें सबसे कठोर हीरा व नरम चूना तक सम्मिलित हैं। चूना पत्थर केवल एक ही खनिज से बनी है लेकिन अधिकतर चट्टानें विभिन्न अनुपातों के अनेक खनिजों का योग है।
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Question 2 of 30
2. Question
1 pointsअवसादी चट्टानों में पाया जाने वाला खनिज है-
Correct
कई खनिज अवसादी चट्टानों के अनेक खनिज संस्तरों या परतों में पाए जाते हैं। इनका निर्माण क्षैतिज परतों में निक्षेपण, संचयन व जमाव का परिणाम है। कोयला तथा कुछ अन्य प्रकार के लौह अयस्कों का निर्माण लंबी अवधि तक अत्यधिक ऊष्मा व दबाव का परिणाम है। अवसादी चट्टानों में दूसरी श्रेणी के खनिजों में जिप्सम पोटाश, नमक व सोडियम सम्मिलित हैं। इनका निर्माण विशेषकर शुष्क प्रदेशों में वाष्पीकरण के फलस्वरूप होता है।
Incorrect
कई खनिज अवसादी चट्टानों के अनेक खनिज संस्तरों या परतों में पाए जाते हैं। इनका निर्माण क्षैतिज परतों में निक्षेपण, संचयन व जमाव का परिणाम है। कोयला तथा कुछ अन्य प्रकार के लौह अयस्कों का निर्माण लंबी अवधि तक अत्यधिक ऊष्मा व दबाव का परिणाम है। अवसादी चट्टानों में दूसरी श्रेणी के खनिजों में जिप्सम पोटाश, नमक व सोडियम सम्मिलित हैं। इनका निर्माण विशेषकर शुष्क प्रदेशों में वाष्पीकरण के फलस्वरूप होता है।
Unattempted
कई खनिज अवसादी चट्टानों के अनेक खनिज संस्तरों या परतों में पाए जाते हैं। इनका निर्माण क्षैतिज परतों में निक्षेपण, संचयन व जमाव का परिणाम है। कोयला तथा कुछ अन्य प्रकार के लौह अयस्कों का निर्माण लंबी अवधि तक अत्यधिक ऊष्मा व दबाव का परिणाम है। अवसादी चट्टानों में दूसरी श्रेणी के खनिजों में जिप्सम पोटाश, नमक व सोडियम सम्मिलित हैं। इनका निर्माण विशेषकर शुष्क प्रदेशों में वाष्पीकरण के फलस्वरूप होता है।
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Question 3 of 30
3. Question
1 pointsधात्विक खनिज है-
Correct
जस्ता, ताँबा, जिंक, सीसा, सोना, चाँदी, टिन इत्यादि धात्विक खनिज हैं।
Incorrect
जस्ता, ताँबा, जिंक, सीसा, सोना, चाँदी, टिन इत्यादि धात्विक खनिज हैं।
Unattempted
जस्ता, ताँबा, जिंक, सीसा, सोना, चाँदी, टिन इत्यादि धात्विक खनिज हैं।
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Question 4 of 30
4. Question
1 pointsबेलाडिला खान किस खनिज के लिए प्रसिद्ध है ?
Correct
बेलाडिला खान लौह अयस्क के लिए प्रसिद्ध है, यह छत्तीसगढ़ राज्य में है बस्तर जिले के इन श्रृंखलाओं में अति उत्तम कोटि का हेमेटाइट पाया जाता है। इसमें इस्पात बनाने में आवश्यक सर्वश्रेष्ठ भौति गुण विद्यमान हैं। इन खदानों से लौहा अयस्क जापान व द0 कोरिया को निर्यात किया जाता है।
Incorrect
बेलाडिला खान लौह अयस्क के लिए प्रसिद्ध है, यह छत्तीसगढ़ राज्य में है बस्तर जिले के इन श्रृंखलाओं में अति उत्तम कोटि का हेमेटाइट पाया जाता है। इसमें इस्पात बनाने में आवश्यक सर्वश्रेष्ठ भौति गुण विद्यमान हैं। इन खदानों से लौहा अयस्क जापान व द0 कोरिया को निर्यात किया जाता है।
Unattempted
बेलाडिला खान लौह अयस्क के लिए प्रसिद्ध है, यह छत्तीसगढ़ राज्य में है बस्तर जिले के इन श्रृंखलाओं में अति उत्तम कोटि का हेमेटाइट पाया जाता है। इसमें इस्पात बनाने में आवश्यक सर्वश्रेष्ठ भौति गुण विद्यमान हैं। इन खदानों से लौहा अयस्क जापान व द0 कोरिया को निर्यात किया जाता है।
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Question 5 of 30
5. Question
1 pointsकुद्रेमुख निक्षेप किस राज्य में अवस्थित है-
Correct
कर्नाटक में पश्चिमी घाट में अवस्थित कुद्रेमुख की खानें शत प्रतिशत निर्यात इकाई हैं। कुद्रेमुख निक्षेप संसार के सबसे बड़े निक्षेपों में से एक माने जाते हैं। लौह अयस्क कर्दम रूप में पाइपलाइन द्वारा मंगलूरू के निकट एक पत्तन पर भेजा जाता है।
Incorrect
कर्नाटक में पश्चिमी घाट में अवस्थित कुद्रेमुख की खानें शत प्रतिशत निर्यात इकाई हैं। कुद्रेमुख निक्षेप संसार के सबसे बड़े निक्षेपों में से एक माने जाते हैं। लौह अयस्क कर्दम रूप में पाइपलाइन द्वारा मंगलूरू के निकट एक पत्तन पर भेजा जाता है।
Unattempted
कर्नाटक में पश्चिमी घाट में अवस्थित कुद्रेमुख की खानें शत प्रतिशत निर्यात इकाई हैं। कुद्रेमुख निक्षेप संसार के सबसे बड़े निक्षेपों में से एक माने जाते हैं। लौह अयस्क कर्दम रूप में पाइपलाइन द्वारा मंगलूरू के निकट एक पत्तन पर भेजा जाता है।
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Question 6 of 30
6. Question
1 pointsअलौह खनिज है-
Correct
बाक्साइट एक अलौह खनिज है, बाक्साइट निक्षेपों की रचना एल्युमिनियम सीलिकेटों से समृद्ध व्यापक भिन्नता वाली चट्टानों के विघटन से होती है। ओडिशा भारत का सबसे बड़ा बाक्साइट उत्पादक राज्य है।
Incorrect
बाक्साइट एक अलौह खनिज है, बाक्साइट निक्षेपों की रचना एल्युमिनियम सीलिकेटों से समृद्ध व्यापक भिन्नता वाली चट्टानों के विघटन से होती है। ओडिशा भारत का सबसे बड़ा बाक्साइट उत्पादक राज्य है।
Unattempted
बाक्साइट एक अलौह खनिज है, बाक्साइट निक्षेपों की रचना एल्युमिनियम सीलिकेटों से समृद्ध व्यापक भिन्नता वाली चट्टानों के विघटन से होती है। ओडिशा भारत का सबसे बड़ा बाक्साइट उत्पादक राज्य है।
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Question 7 of 30
7. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन सुमेलित नहीं है-
Correct
मैंगनीज के लिए केन्दुसर (उड़ीसा) प्रसिद्ध है जबकि चित्रदुर्ग लौह अयस्क के लिए जाना जाता है। बाकी सभी सुमेलित हैं।
Note:- केन्दुझर जिलें में बादाम पहाड़ से हेमेटाइट लौह अयस्क भी प्राप्त किया जाता है।
Incorrect
मैंगनीज के लिए केन्दुसर (उड़ीसा) प्रसिद्ध है जबकि चित्रदुर्ग लौह अयस्क के लिए जाना जाता है। बाकी सभी सुमेलित हैं।
Note:- केन्दुझर जिलें में बादाम पहाड़ से हेमेटाइट लौह अयस्क भी प्राप्त किया जाता है।
Unattempted
मैंगनीज के लिए केन्दुसर (उड़ीसा) प्रसिद्ध है जबकि चित्रदुर्ग लौह अयस्क के लिए जाना जाता है। बाकी सभी सुमेलित हैं।
Note:- केन्दुझर जिलें में बादाम पहाड़ से हेमेटाइट लौह अयस्क भी प्राप्त किया जाता है।
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Question 8 of 30
8. Question
1 pointsअभ्रक के निक्षेप पाये जाते हैं-
Correct
अभ्रक अधात्विक खनिज है। जो प्लेटों अथवा पत्रण में पाया जाता है, अभ्रक पारदर्शी, काले, हरे, लाल, पीले, भूरे रंग का हो सकता है। इसकी सर्वोच्च परावैद्युत शक्ति, ऊर्जा ह्रास का निम्न गुणांक, विसंवाहन के गुण और उच्च वोल्टेज की प्रतिरोधिकता के कारण अभ्रक विद्युत व इलेक्ट्रोनिक उद्योगों में प्रयुक्त होता है। अभ्रक के निक्षेप छोटा नागपुर पठार के उत्तरी पठारी किनारों पर पाये जाते हैं।
बिहार – झारखण्ड की कोडरमा – गया – हजारीबाग पेटी।Incorrect
अभ्रक अधात्विक खनिज है। जो प्लेटों अथवा पत्रण में पाया जाता है, अभ्रक पारदर्शी, काले, हरे, लाल, पीले, भूरे रंग का हो सकता है। इसकी सर्वोच्च परावैद्युत शक्ति, ऊर्जा ह्रास का निम्न गुणांक, विसंवाहन के गुण और उच्च वोल्टेज की प्रतिरोधिकता के कारण अभ्रक विद्युत व इलेक्ट्रोनिक उद्योगों में प्रयुक्त होता है। अभ्रक के निक्षेप छोटा नागपुर पठार के उत्तरी पठारी किनारों पर पाये जाते हैं।
बिहार – झारखण्ड की कोडरमा – गया – हजारीबाग पेटी।Unattempted
अभ्रक अधात्विक खनिज है। जो प्लेटों अथवा पत्रण में पाया जाता है, अभ्रक पारदर्शी, काले, हरे, लाल, पीले, भूरे रंग का हो सकता है। इसकी सर्वोच्च परावैद्युत शक्ति, ऊर्जा ह्रास का निम्न गुणांक, विसंवाहन के गुण और उच्च वोल्टेज की प्रतिरोधिकता के कारण अभ्रक विद्युत व इलेक्ट्रोनिक उद्योगों में प्रयुक्त होता है। अभ्रक के निक्षेप छोटा नागपुर पठार के उत्तरी पठारी किनारों पर पाये जाते हैं।
बिहार – झारखण्ड की कोडरमा – गया – हजारीबाग पेटी। -
Question 9 of 30
9. Question
1 pointsकौन-सा खनिज सीमेन्ट उद्योग में कच्चा माल के रूप में प्रयुक्त होता है-
Correct
चूना पत्थर कैल्शियम या कैल्शियम कार्बोनेट तथा मैग्नीशियम कार्बोनेट से बनी चट्टानों में पाया जाता है। यह अधिकांशतः अवसादी चट्टानों में पाया जाता है। चूना पत्थर सीमेंट उद्योग का एक आधार भूत कच्चा माल होता है। लौह-प्रगलन भट्टियों के लिए अनिवार्य है।
Incorrect
चूना पत्थर कैल्शियम या कैल्शियम कार्बोनेट तथा मैग्नीशियम कार्बोनेट से बनी चट्टानों में पाया जाता है। यह अधिकांशतः अवसादी चट्टानों में पाया जाता है। चूना पत्थर सीमेंट उद्योग का एक आधार भूत कच्चा माल होता है। लौह-प्रगलन भट्टियों के लिए अनिवार्य है।
Unattempted
चूना पत्थर कैल्शियम या कैल्शियम कार्बोनेट तथा मैग्नीशियम कार्बोनेट से बनी चट्टानों में पाया जाता है। यह अधिकांशतः अवसादी चट्टानों में पाया जाता है। चूना पत्थर सीमेंट उद्योग का एक आधार भूत कच्चा माल होता है। लौह-प्रगलन भट्टियों के लिए अनिवार्य है।
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Question 10 of 30
10. Question
1 pointsनिम्न में से ‘प्लेसर निक्षेप’ के खनिज हैं-
Correct
पहाड़ियों के आधार तथा घाटी की रेत में जलोढ़ जमाव के रूप में भी कुछ खनिज पाए जाते हैं। ये निक्षेप ‘प्लेसर निक्षेप’ के नाम से जाने जाते हैं। इनमें प्रायः ऐसे खनिज होते हैं जो जल द्वारा घर्षित नहीं होते हैं। इन खनिजों में सोना, चाँदी, टिन, प्लेटिनम प्रमुख हैं।
Incorrect
पहाड़ियों के आधार तथा घाटी की रेत में जलोढ़ जमाव के रूप में भी कुछ खनिज पाए जाते हैं। ये निक्षेप ‘प्लेसर निक्षेप’ के नाम से जाने जाते हैं। इनमें प्रायः ऐसे खनिज होते हैं जो जल द्वारा घर्षित नहीं होते हैं। इन खनिजों में सोना, चाँदी, टिन, प्लेटिनम प्रमुख हैं।
Unattempted
पहाड़ियों के आधार तथा घाटी की रेत में जलोढ़ जमाव के रूप में भी कुछ खनिज पाए जाते हैं। ये निक्षेप ‘प्लेसर निक्षेप’ के नाम से जाने जाते हैं। इनमें प्रायः ऐसे खनिज होते हैं जो जल द्वारा घर्षित नहीं होते हैं। इन खनिजों में सोना, चाँदी, टिन, प्लेटिनम प्रमुख हैं।
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Question 11 of 30
11. Question
1 pointsपरंपरागत ऊर्जा स्रोत नहीं है-
Correct
परंपरागत ऊर्जा के स्रोत- कोयला, पेट्रोलियम प्राकृतिक गैस, जल विद्युत हैं. गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोत में सौर ऊर्जा, परमाणु या आण्विक ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायो गैस, भू-तापीय ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा स्रोत उदाहरण हैं।
परम्परागत ऊर्जा स्रोत सीमित हैं तथा पर्यावरणीय समस्याएँ उत्पन्न करते हैं, जबकि गैर परम्परागत अधिकतर नवीकरणीय स्रोत हैं तथा स्वच्छ ईधन है अर्थात पर्यावरण अनुकूल हैं। गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोत के उपयोग पर वैश्विक पहल प्रारम्भ हो चुकी है तथा इनके उपयोग को बढ़ाया जा रहा है।
Incorrect
परंपरागत ऊर्जा के स्रोत- कोयला, पेट्रोलियम प्राकृतिक गैस, जल विद्युत हैं. गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोत में सौर ऊर्जा, परमाणु या आण्विक ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायो गैस, भू-तापीय ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा स्रोत उदाहरण हैं।
परम्परागत ऊर्जा स्रोत सीमित हैं तथा पर्यावरणीय समस्याएँ उत्पन्न करते हैं, जबकि गैर परम्परागत अधिकतर नवीकरणीय स्रोत हैं तथा स्वच्छ ईधन है अर्थात पर्यावरण अनुकूल हैं। गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोत के उपयोग पर वैश्विक पहल प्रारम्भ हो चुकी है तथा इनके उपयोग को बढ़ाया जा रहा है।
Unattempted
परंपरागत ऊर्जा के स्रोत- कोयला, पेट्रोलियम प्राकृतिक गैस, जल विद्युत हैं. गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोत में सौर ऊर्जा, परमाणु या आण्विक ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायो गैस, भू-तापीय ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा स्रोत उदाहरण हैं।
परम्परागत ऊर्जा स्रोत सीमित हैं तथा पर्यावरणीय समस्याएँ उत्पन्न करते हैं, जबकि गैर परम्परागत अधिकतर नवीकरणीय स्रोत हैं तथा स्वच्छ ईधन है अर्थात पर्यावरण अनुकूल हैं। गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोत के उपयोग पर वैश्विक पहल प्रारम्भ हो चुकी है तथा इनके उपयोग को बढ़ाया जा रहा है।
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Question 12 of 30
12. Question
1 pointsभारत का सबसे पुराना तेल उत्पादक राज्य है-
Correct
असम भारत का सबसे पुराना तेल उत्पादक राज्य है। डिगबोई, नहरकटिया और मोरन-हुगरीजन इस राज्य के महत्वपूर्ण तेल उत्पादक क्षेत्र हैं। भारत में कोयले के बाद ऊर्जा का दूसरा प्रमुख साधन पेट्रोलियम या खनिज तेल है। भारत में अधिकांश पेट्रोलियम की उपस्थिति टरशियरी युग की शैल संरचनाओं के अपनति व भ्रंश ट्रैप में पायी जाती है।
Incorrect
असम भारत का सबसे पुराना तेल उत्पादक राज्य है। डिगबोई, नहरकटिया और मोरन-हुगरीजन इस राज्य के महत्वपूर्ण तेल उत्पादक क्षेत्र हैं। भारत में कोयले के बाद ऊर्जा का दूसरा प्रमुख साधन पेट्रोलियम या खनिज तेल है। भारत में अधिकांश पेट्रोलियम की उपस्थिति टरशियरी युग की शैल संरचनाओं के अपनति व भ्रंश ट्रैप में पायी जाती है।
Unattempted
असम भारत का सबसे पुराना तेल उत्पादक राज्य है। डिगबोई, नहरकटिया और मोरन-हुगरीजन इस राज्य के महत्वपूर्ण तेल उत्पादक क्षेत्र हैं। भारत में कोयले के बाद ऊर्जा का दूसरा प्रमुख साधन पेट्रोलियम या खनिज तेल है। भारत में अधिकांश पेट्रोलियम की उपस्थिति टरशियरी युग की शैल संरचनाओं के अपनति व भ्रंश ट्रैप में पायी जाती है।
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Question 13 of 30
13. Question
1 pointsटरशियरी कोयला क्षेत्र पाया जाता है-
Correct
भारत में कोयला दो प्रमुख भूगर्भिक युगों के शैल क्रम में पाया जाता है- एक गोंडवाना जिसकी आयु 200 लाख वर्ष से कुछ अधिक है। गोडंवाना कोयला धातु शोधन कोयला है। प्रमुख संसाधन दामोदर घाटी (प. बंगाल, झारखण्ड) झरिया, रानीगंज, बोकारो महत्वपूर्ण कोयला क्षेत्र हैं। गोदावरी, महानदी, सोन व वर्धा नदी घाटियों में भी कोयले के जमाव पाये जाते हैं।
टरशियरी कोयला (निक्षेप) जो लगभग 55 लाख वर्ष पुराने हैं के मुख्य क्षेत्र उत्तरपूर्वी राज्यों मेघालय, असम, अरूणाचल प्रदेश व नागालैण्ड में पाया जाता है।Incorrect
भारत में कोयला दो प्रमुख भूगर्भिक युगों के शैल क्रम में पाया जाता है- एक गोंडवाना जिसकी आयु 200 लाख वर्ष से कुछ अधिक है। गोडंवाना कोयला धातु शोधन कोयला है। प्रमुख संसाधन दामोदर घाटी (प. बंगाल, झारखण्ड) झरिया, रानीगंज, बोकारो महत्वपूर्ण कोयला क्षेत्र हैं। गोदावरी, महानदी, सोन व वर्धा नदी घाटियों में भी कोयले के जमाव पाये जाते हैं।
टरशियरी कोयला (निक्षेप) जो लगभग 55 लाख वर्ष पुराने हैं के मुख्य क्षेत्र उत्तरपूर्वी राज्यों मेघालय, असम, अरूणाचल प्रदेश व नागालैण्ड में पाया जाता है।Unattempted
भारत में कोयला दो प्रमुख भूगर्भिक युगों के शैल क्रम में पाया जाता है- एक गोंडवाना जिसकी आयु 200 लाख वर्ष से कुछ अधिक है। गोडंवाना कोयला धातु शोधन कोयला है। प्रमुख संसाधन दामोदर घाटी (प. बंगाल, झारखण्ड) झरिया, रानीगंज, बोकारो महत्वपूर्ण कोयला क्षेत्र हैं। गोदावरी, महानदी, सोन व वर्धा नदी घाटियों में भी कोयले के जमाव पाये जाते हैं।
टरशियरी कोयला (निक्षेप) जो लगभग 55 लाख वर्ष पुराने हैं के मुख्य क्षेत्र उत्तरपूर्वी राज्यों मेघालय, असम, अरूणाचल प्रदेश व नागालैण्ड में पाया जाता है। -
Question 14 of 30
14. Question
1 pointsअंकलेश्वर कहाँ स्थित है-
Correct
अंकलेश्वर गुजरात का सबसे महत्वपूर्ण तेल क्षेत्र है। पेट्रोलियम असरन्ध्र चट्टानों के बीच भ्रंश ट्रैप में भी पाया जाता है। प्राकृतिक गैस हल्की होने के कारण खनिज तेल के ऊपर पाई जाती है।
भारत में कुल पेट्रोलियम उत्पादन का 63% भाग मुंबई हाई, से 18% गुजरात और 16% असम से प्राप्त होता है।
Incorrect
अंकलेश्वर गुजरात का सबसे महत्वपूर्ण तेल क्षेत्र है। पेट्रोलियम असरन्ध्र चट्टानों के बीच भ्रंश ट्रैप में भी पाया जाता है। प्राकृतिक गैस हल्की होने के कारण खनिज तेल के ऊपर पाई जाती है।
भारत में कुल पेट्रोलियम उत्पादन का 63% भाग मुंबई हाई, से 18% गुजरात और 16% असम से प्राप्त होता है।
Unattempted
अंकलेश्वर गुजरात का सबसे महत्वपूर्ण तेल क्षेत्र है। पेट्रोलियम असरन्ध्र चट्टानों के बीच भ्रंश ट्रैप में भी पाया जाता है। प्राकृतिक गैस हल्की होने के कारण खनिज तेल के ऊपर पाई जाती है।
भारत में कुल पेट्रोलियम उत्पादन का 63% भाग मुंबई हाई, से 18% गुजरात और 16% असम से प्राप्त होता है।
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Question 15 of 30
15. Question
1 pointsहजीरा-विजयपुर-जगदीशपुर गैस पाइपलाइन से निम्न में से कौन-सा राज्य नहीं जुड़ा है-
Correct
(गैस पाइपलाइन हजीरा-जगदीशपुर), गुजरात उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्यों से होकर गुजरती है। आगे दिल्ली और हरियाणा भी जुड़ा है।
Incorrect
(गैस पाइपलाइन हजीरा-जगदीशपुर), गुजरात उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्यों से होकर गुजरती है। आगे दिल्ली और हरियाणा भी जुड़ा है।
Unattempted
(गैस पाइपलाइन हजीरा-जगदीशपुर), गुजरात उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्यों से होकर गुजरती है। आगे दिल्ली और हरियाणा भी जुड़ा है।
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Question 16 of 30
16. Question
1 pointsप्राकृतिक गैस के भण्डार पाये जाते हैं-
Correct
प्राकृतिक गैस के भण्डार कृष्णा गोदावरी नदी बेसिन में पश्चिमी तट के साथ मुम्बई हाई और संविद्ध क्षेत्रों को खंभात की खाड़ी में पाये जाने वाले तेल क्षेत्र संपूरित करते हैं। अंडमान निकोबार द्वीप समूह तथा राजस्थान में भी भण्डार मिले हैं।
Incorrect
प्राकृतिक गैस के भण्डार कृष्णा गोदावरी नदी बेसिन में पश्चिमी तट के साथ मुम्बई हाई और संविद्ध क्षेत्रों को खंभात की खाड़ी में पाये जाने वाले तेल क्षेत्र संपूरित करते हैं। अंडमान निकोबार द्वीप समूह तथा राजस्थान में भी भण्डार मिले हैं।
Unattempted
प्राकृतिक गैस के भण्डार कृष्णा गोदावरी नदी बेसिन में पश्चिमी तट के साथ मुम्बई हाई और संविद्ध क्षेत्रों को खंभात की खाड़ी में पाये जाने वाले तेल क्षेत्र संपूरित करते हैं। अंडमान निकोबार द्वीप समूह तथा राजस्थान में भी भण्डार मिले हैं।
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Question 17 of 30
17. Question
1 pointsलिग्नाइट के भण्डार मिलते हैं-
Correct
लिग्नाइट के प्रमुख भंडार तमिलनाडु के नैवेली में मिलते हैं। इनका प्रयोग विद्युत उत्पादन में किया जाता है।
Incorrect
लिग्नाइट के प्रमुख भंडार तमिलनाडु के नैवेली में मिलते हैं। इनका प्रयोग विद्युत उत्पादन में किया जाता है।
Unattempted
लिग्नाइट के प्रमुख भंडार तमिलनाडु के नैवेली में मिलते हैं। इनका प्रयोग विद्युत उत्पादन में किया जाता है।
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Question 18 of 30
18. Question
1 pointsगैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोत नहीं है-
Correct
नवीकरण योग्य ऊर्जा संसाधनों जैसे- सौर ऊर्जा पवन ऊर्जा डवारीय ऊर्जा, जैविक ऊर्जा, अवशिष्ट जनित ऊर्जा ये ऊर्जा के गैर परंपरागत ऊर्जा के साधन हैं। ऊर्जा के बढ़ते उपभोग ने देश को कोयला तेल और गैस जैसी जीवाश्मी ईधनों पर अत्यधिक निर्भर कर दिया है। जीवाश्मी ईधनों से पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न हो रही है, जिसके कारण गैर परम्परागत ऊर्जा उपयोग की जरूरत है।
Incorrect
नवीकरण योग्य ऊर्जा संसाधनों जैसे- सौर ऊर्जा पवन ऊर्जा डवारीय ऊर्जा, जैविक ऊर्जा, अवशिष्ट जनित ऊर्जा ये ऊर्जा के गैर परंपरागत ऊर्जा के साधन हैं। ऊर्जा के बढ़ते उपभोग ने देश को कोयला तेल और गैस जैसी जीवाश्मी ईधनों पर अत्यधिक निर्भर कर दिया है। जीवाश्मी ईधनों से पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न हो रही है, जिसके कारण गैर परम्परागत ऊर्जा उपयोग की जरूरत है।
Unattempted
नवीकरण योग्य ऊर्जा संसाधनों जैसे- सौर ऊर्जा पवन ऊर्जा डवारीय ऊर्जा, जैविक ऊर्जा, अवशिष्ट जनित ऊर्जा ये ऊर्जा के गैर परंपरागत ऊर्जा के साधन हैं। ऊर्जा के बढ़ते उपभोग ने देश को कोयला तेल और गैस जैसी जीवाश्मी ईधनों पर अत्यधिक निर्भर कर दिया है। जीवाश्मी ईधनों से पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न हो रही है, जिसके कारण गैर परम्परागत ऊर्जा उपयोग की जरूरत है।
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Question 19 of 30
19. Question
1 pointsहिमाचल प्रदेश और लद्दाख में क्रमशः पार्वती घाटी पूगा घाटी में कौन-सा ऊर्जा स्रोत उपस्थित है-
Correct
हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में पार्वती घाटी और पूगा घाटी में भू-तापीय ऊर्जा स्रोत उपस्थित है। पृथ्वी के आंतरिक भागों से ताप का प्रयोग कर उत्पन्न की जाने वाली विद्युत को भू तापीय ऊर्जा कहते हैं।
Incorrect
हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में पार्वती घाटी और पूगा घाटी में भू-तापीय ऊर्जा स्रोत उपस्थित है। पृथ्वी के आंतरिक भागों से ताप का प्रयोग कर उत्पन्न की जाने वाली विद्युत को भू तापीय ऊर्जा कहते हैं।
Unattempted
हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में पार्वती घाटी और पूगा घाटी में भू-तापीय ऊर्जा स्रोत उपस्थित है। पृथ्वी के आंतरिक भागों से ताप का प्रयोग कर उत्पन्न की जाने वाली विद्युत को भू तापीय ऊर्जा कहते हैं।
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Question 20 of 30
20. Question
1 pointsपवन ऊर्जा फार्म है-
Correct
भारत में पवन ऊर्जा के उत्पादन की महान संभावनाएं हैं। भारत में पवन ऊर्जा फार्म के विशालतम पेटी तमिलनाडु में नागरकोइल से मुदरई तक अवस्थित है। इसके अतिरिक्त आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र तथा लक्षद्वीप में भी महत्वपूर्ण पवन ऊर्जा फार्म है। नागरकोइल और जैसलमेर देश में पवन ऊर्जा के प्रभावी प्रयोग के लिए जाने जाते हैं।
Incorrect
भारत में पवन ऊर्जा के उत्पादन की महान संभावनाएं हैं। भारत में पवन ऊर्जा फार्म के विशालतम पेटी तमिलनाडु में नागरकोइल से मुदरई तक अवस्थित है। इसके अतिरिक्त आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र तथा लक्षद्वीप में भी महत्वपूर्ण पवन ऊर्जा फार्म है। नागरकोइल और जैसलमेर देश में पवन ऊर्जा के प्रभावी प्रयोग के लिए जाने जाते हैं।
Unattempted
भारत में पवन ऊर्जा के उत्पादन की महान संभावनाएं हैं। भारत में पवन ऊर्जा फार्म के विशालतम पेटी तमिलनाडु में नागरकोइल से मुदरई तक अवस्थित है। इसके अतिरिक्त आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र तथा लक्षद्वीप में भी महत्वपूर्ण पवन ऊर्जा फार्म है। नागरकोइल और जैसलमेर देश में पवन ऊर्जा के प्रभावी प्रयोग के लिए जाने जाते हैं।
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Question 21 of 30
21. Question
1 pointsभारत में ज्वारीय ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए आदर्श दशाएं उपस्थित हैं-
Correct
Incorrect
Unattempted
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Question 22 of 30
22. Question
1 pointsसौर ऊर्जा (धूप) को सीधे विद्युत में परिवर्तित किया जाता हैं-
Correct
फोटो वोल्टाइक प्रौद्योगिकी द्वारा धूप को सीधे विद्युत में परिवर्तित किया जाता है। भारत में ग्रामीण तथा सुदूर क्षेत्रों में सौर ऊर्जा तेजी से लोकप्रिय हो रही है। कुछ बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र देश के विभिन्न भागों में स्थापित किये जा रहे हैं।
Incorrect
फोटो वोल्टाइक प्रौद्योगिकी द्वारा धूप को सीधे विद्युत में परिवर्तित किया जाता है। भारत में ग्रामीण तथा सुदूर क्षेत्रों में सौर ऊर्जा तेजी से लोकप्रिय हो रही है। कुछ बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र देश के विभिन्न भागों में स्थापित किये जा रहे हैं।
Unattempted
फोटो वोल्टाइक प्रौद्योगिकी द्वारा धूप को सीधे विद्युत में परिवर्तित किया जाता है। भारत में ग्रामीण तथा सुदूर क्षेत्रों में सौर ऊर्जा तेजी से लोकप्रिय हो रही है। कुछ बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र देश के विभिन्न भागों में स्थापित किये जा रहे हैं।
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Question 23 of 30
23. Question
1 pointsसर्वोत्तम गुण वाला कोयला है-
Correct
एंथ्रेसाइट सर्वोत्तम गुण वाला कठोर कोयला है। दलदलों से क्षय होते पादपों से पीट उत्पन्न होता है, जिसमें कम कार्बन, नमी की उच्च मात्रा व निम्न ताप क्षमता है। इसे पीट कोयला कहते हैं। लिग्नाइट एक निम्न कोटि का भूरा कोयला होता है, यह मुलायम व नमी युक्त होता है। गहराई में दबे तथा अधिक तापमान से प्रभावित कोयला बिटुमिनस होता है। वाणिज्यिक प्रयोग में यह सर्वाधिक लोकप्रिय है।
Incorrect
एंथ्रेसाइट सर्वोत्तम गुण वाला कठोर कोयला है। दलदलों से क्षय होते पादपों से पीट उत्पन्न होता है, जिसमें कम कार्बन, नमी की उच्च मात्रा व निम्न ताप क्षमता है। इसे पीट कोयला कहते हैं। लिग्नाइट एक निम्न कोटि का भूरा कोयला होता है, यह मुलायम व नमी युक्त होता है। गहराई में दबे तथा अधिक तापमान से प्रभावित कोयला बिटुमिनस होता है। वाणिज्यिक प्रयोग में यह सर्वाधिक लोकप्रिय है।
Unattempted
एंथ्रेसाइट सर्वोत्तम गुण वाला कठोर कोयला है। दलदलों से क्षय होते पादपों से पीट उत्पन्न होता है, जिसमें कम कार्बन, नमी की उच्च मात्रा व निम्न ताप क्षमता है। इसे पीट कोयला कहते हैं। लिग्नाइट एक निम्न कोटि का भूरा कोयला होता है, यह मुलायम व नमी युक्त होता है। गहराई में दबे तथा अधिक तापमान से प्रभावित कोयला बिटुमिनस होता है। वाणिज्यिक प्रयोग में यह सर्वाधिक लोकप्रिय है।
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Question 24 of 30
24. Question
1 pointsवे कौन-सा खनिज है जो दांतो को गलने से रोकता है-
Correct
फ्लूराइड जो दाँतों को गलने से रोकता है। फ्लुओराइट नामक खनिज से प्राप्त होता है।
Incorrect
फ्लूराइड जो दाँतों को गलने से रोकता है। फ्लुओराइट नामक खनिज से प्राप्त होता है।
Unattempted
फ्लूराइड जो दाँतों को गलने से रोकता है। फ्लुओराइट नामक खनिज से प्राप्त होता है।
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Question 25 of 30
25. Question
1 pointsमेग्नेटाइट में कितने प्रतिशत लोहांश पाया जाता है-
Correct
भारत उच्च कोटि के लोहांशयुक्त लौह अयस्क में धनी है। मैग्नेटाइट सर्वोत्तम प्रकार का लौह अयस्क है। जिसमें 70% लोहांश पाया जाता है। इसमें सर्वश्रेष्ठ चुम्बकीय गुण होते हैं। जो विद्युत उद्योगों में विशेष उपयोगी हैं। हेमेटाइट में लोहांश की मात्रा 50 से 60% तक होती है। हेमेटाइट सर्वाधिक महत्वपूर्ण औद्योगिक लौह अयस्क है। जिसका अधिकतम मात्रा में उपभोग हुआ है।
Incorrect
भारत उच्च कोटि के लोहांशयुक्त लौह अयस्क में धनी है। मैग्नेटाइट सर्वोत्तम प्रकार का लौह अयस्क है। जिसमें 70% लोहांश पाया जाता है। इसमें सर्वश्रेष्ठ चुम्बकीय गुण होते हैं। जो विद्युत उद्योगों में विशेष उपयोगी हैं। हेमेटाइट में लोहांश की मात्रा 50 से 60% तक होती है। हेमेटाइट सर्वाधिक महत्वपूर्ण औद्योगिक लौह अयस्क है। जिसका अधिकतम मात्रा में उपभोग हुआ है।
Unattempted
भारत उच्च कोटि के लोहांशयुक्त लौह अयस्क में धनी है। मैग्नेटाइट सर्वोत्तम प्रकार का लौह अयस्क है। जिसमें 70% लोहांश पाया जाता है। इसमें सर्वश्रेष्ठ चुम्बकीय गुण होते हैं। जो विद्युत उद्योगों में विशेष उपयोगी हैं। हेमेटाइट में लोहांश की मात्रा 50 से 60% तक होती है। हेमेटाइट सर्वाधिक महत्वपूर्ण औद्योगिक लौह अयस्क है। जिसका अधिकतम मात्रा में उपभोग हुआ है।
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Question 26 of 30
26. Question
1 pointsमोनाजाइट रेत में निम्नलिखित में से कौन-सा खनिज पाया जाता है-
Correct
केरल में मिलने वाली मोनाजाइट रेत में थोरियम की मात्रा पायी जाती है। यूरेनियम और थोरियम जो झारखंड और राजस्थान की अरावली पहाड़ियों में पाएं जाते हैं. इनका प्रयोग परमाणु अथवा आणविक ऊर्जा के उत्पादन में किया जाता है।
Incorrect
केरल में मिलने वाली मोनाजाइट रेत में थोरियम की मात्रा पायी जाती है। यूरेनियम और थोरियम जो झारखंड और राजस्थान की अरावली पहाड़ियों में पाएं जाते हैं. इनका प्रयोग परमाणु अथवा आणविक ऊर्जा के उत्पादन में किया जाता है।
Unattempted
केरल में मिलने वाली मोनाजाइट रेत में थोरियम की मात्रा पायी जाती है। यूरेनियम और थोरियम जो झारखंड और राजस्थान की अरावली पहाड़ियों में पाएं जाते हैं. इनका प्रयोग परमाणु अथवा आणविक ऊर्जा के उत्पादन में किया जाता है।
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Question 27 of 30
27. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सा खनिज अपक्षयित पदार्थ के अवशिष्ट भार को त्यागता हुआ चट्टानों के अपघटन में बनता है ?
Correct
खनिजों के निर्माण की एक अन्य विधि, धरातलीय चट्टानों का अपघटन है। चट्टानों के घुलनशील तत्वों के अपरदन के पश्चात अयस्क वाली अवशिष्ट चट्टानें रह जाती हैं, बॉक्साइट का निर्माण इसी प्रकार होता है।
यद्यपि अनेक अयस्कों में एल्युमिनियम पाया जाता है। परन्तु सबसे अधिक एल्युमिना क्ले जैसे दिखने वाला पदार्थ बॉक्साइट से प्राप्त किया जाता है।भारत में बाक्साइट के निक्षेप मुख्यतः अमरकंटक पठार, मैकाल पहाड़ियों तथा बिलासपुर-कटनी के पठारी प्रदेशों में पाए जाते हैं।
Incorrect
खनिजों के निर्माण की एक अन्य विधि, धरातलीय चट्टानों का अपघटन है। चट्टानों के घुलनशील तत्वों के अपरदन के पश्चात अयस्क वाली अवशिष्ट चट्टानें रह जाती हैं, बॉक्साइट का निर्माण इसी प्रकार होता है।
यद्यपि अनेक अयस्कों में एल्युमिनियम पाया जाता है। परन्तु सबसे अधिक एल्युमिना क्ले जैसे दिखने वाला पदार्थ बॉक्साइट से प्राप्त किया जाता है।भारत में बाक्साइट के निक्षेप मुख्यतः अमरकंटक पठार, मैकाल पहाड़ियों तथा बिलासपुर-कटनी के पठारी प्रदेशों में पाए जाते हैं।
Unattempted
खनिजों के निर्माण की एक अन्य विधि, धरातलीय चट्टानों का अपघटन है। चट्टानों के घुलनशील तत्वों के अपरदन के पश्चात अयस्क वाली अवशिष्ट चट्टानें रह जाती हैं, बॉक्साइट का निर्माण इसी प्रकार होता है।
यद्यपि अनेक अयस्कों में एल्युमिनियम पाया जाता है। परन्तु सबसे अधिक एल्युमिना क्ले जैसे दिखने वाला पदार्थ बॉक्साइट से प्राप्त किया जाता है।भारत में बाक्साइट के निक्षेप मुख्यतः अमरकंटक पठार, मैकाल पहाड़ियों तथा बिलासपुर-कटनी के पठारी प्रदेशों में पाए जाते हैं।
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Question 28 of 30
28. Question
1 pointsरैट होल खनन किस राज्य में पाया जाता है-
Correct
उत्तर पूर्वी भारत के अधिकांश जनजातीय क्षेत्रों में खनिजों का स्वामितत्व व्यक्तिगत व समुदायों को प्राप्त है। मेघालय में कोयला व लौह अयस्क, चूना पत्थर व डोलोमाइट के विशाल निक्षेप पाए जाते हैं। जोवाई व चेरापूंजी में कोयले का खनन परिवार के सदस्य द्वारा एक लंबी संकीर्ण सुरंग के रूप में किया जाता है। जिसे रैट होल कहते हैं। (जबकि भारत में अधिकांश खनिज राष्ट्रीयकृत हैं। इनका खनन सरकारी अनुमति के बाद सम्भव है।
Incorrect
उत्तर पूर्वी भारत के अधिकांश जनजातीय क्षेत्रों में खनिजों का स्वामितत्व व्यक्तिगत व समुदायों को प्राप्त है। मेघालय में कोयला व लौह अयस्क, चूना पत्थर व डोलोमाइट के विशाल निक्षेप पाए जाते हैं। जोवाई व चेरापूंजी में कोयले का खनन परिवार के सदस्य द्वारा एक लंबी संकीर्ण सुरंग के रूप में किया जाता है। जिसे रैट होल कहते हैं। (जबकि भारत में अधिकांश खनिज राष्ट्रीयकृत हैं। इनका खनन सरकारी अनुमति के बाद सम्भव है।
Unattempted
उत्तर पूर्वी भारत के अधिकांश जनजातीय क्षेत्रों में खनिजों का स्वामितत्व व्यक्तिगत व समुदायों को प्राप्त है। मेघालय में कोयला व लौह अयस्क, चूना पत्थर व डोलोमाइट के विशाल निक्षेप पाए जाते हैं। जोवाई व चेरापूंजी में कोयले का खनन परिवार के सदस्य द्वारा एक लंबी संकीर्ण सुरंग के रूप में किया जाता है। जिसे रैट होल कहते हैं। (जबकि भारत में अधिकांश खनिज राष्ट्रीयकृत हैं। इनका खनन सरकारी अनुमति के बाद सम्भव है।
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Question 29 of 30
29. Question
1 pointsताँबा पाया जाता है-
Correct
भारत में ताँबे के भण्डार व उत्पादन क्रांतिक रूप से न्यून है। घातवर्ध्य, तन्य और ताप सुचालक होने के कारण ताँबे का उपयोग मुख्यतः बिजली के तार बनाने, इलेक्ट्रानिक्स और रसायन उद्योगों में किया जाता है।
मध्य प्रदेश की बालाघाट खदाने, झारखण्ड का सिंहभूम जिला, राजस्थान की खेतड़ी खदाने ताँबे के लिए प्रसिद्ध हैं।Incorrect
भारत में ताँबे के भण्डार व उत्पादन क्रांतिक रूप से न्यून है। घातवर्ध्य, तन्य और ताप सुचालक होने के कारण ताँबे का उपयोग मुख्यतः बिजली के तार बनाने, इलेक्ट्रानिक्स और रसायन उद्योगों में किया जाता है।
मध्य प्रदेश की बालाघाट खदाने, झारखण्ड का सिंहभूम जिला, राजस्थान की खेतड़ी खदाने ताँबे के लिए प्रसिद्ध हैं।Unattempted
भारत में ताँबे के भण्डार व उत्पादन क्रांतिक रूप से न्यून है। घातवर्ध्य, तन्य और ताप सुचालक होने के कारण ताँबे का उपयोग मुख्यतः बिजली के तार बनाने, इलेक्ट्रानिक्स और रसायन उद्योगों में किया जाता है।
मध्य प्रदेश की बालाघाट खदाने, झारखण्ड का सिंहभूम जिला, राजस्थान की खेतड़ी खदाने ताँबे के लिए प्रसिद्ध हैं। -
Question 30 of 30
30. Question
1 pointsपंचपतमाली निक्षेप किस खनिज से सम्बन्धित है-
Correct
ओडिशा भारत का सबसे बड़ा बाक्साइट उत्पादक राज्य है। यहाँ के कोरापुर जिले में पंचपतमाली निक्षेप राज्य के सबसे महत्वपूर्ण बॉक्साइट निक्षेप हैं।
Incorrect
ओडिशा भारत का सबसे बड़ा बाक्साइट उत्पादक राज्य है। यहाँ के कोरापुर जिले में पंचपतमाली निक्षेप राज्य के सबसे महत्वपूर्ण बॉक्साइट निक्षेप हैं।
Unattempted
ओडिशा भारत का सबसे बड़ा बाक्साइट उत्पादक राज्य है। यहाँ के कोरापुर जिले में पंचपतमाली निक्षेप राज्य के सबसे महत्वपूर्ण बॉक्साइट निक्षेप हैं।