Last Updated on Feb 8, 2023
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Questions:
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Information
Name: NCERT Geography Quiz in Hindi
Subject: Geography ( General Study )
Class: 7th
Chapter: जल
Questions: 10 Objective Type Questions
Time Allowed: 05 Minutes
Language: Hindi
Important for: State Police, Intelligence bureau, SSC ( CGL, CHSL, GD etc), State PCS, UPSC, Railway, Patwari, Army, BSF, CRPF, NDA, UPSSC, TGT / PGT, BA, MA, B ed entrance exam, समूह ग आदि |
Especially For: UPSC CSE Prelims
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Question 1 of 10
1. Question
1 pointsनिम्न में से किस सागर तैराक प्लव कर सकते हैं-
Correct
मृत सागर में 340 ग्राम/लीटर लवणता होती है। तैराक इसमें प्लव कर सकते हैं।
Incorrect
मृत सागर में 340 ग्राम/लीटर लवणता होती है। तैराक इसमें प्लव कर सकते हैं।
Unattempted
मृत सागर में 340 ग्राम/लीटर लवणता होती है। तैराक इसमें प्लव कर सकते हैं।
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Question 2 of 10
2. Question
1 pointsमीठा पानी के सबसे बड़े स्रोत हैं ?
Correct
महासागर = 97.3%, भूमिगत जल = 0.068%
बर्फ छत्रक = 2.0%
झीलों का अलवण जल = 0.009%
नदियां = 0.0001%Incorrect
महासागर = 97.3%, भूमिगत जल = 0.068%
बर्फ छत्रक = 2.0%
झीलों का अलवण जल = 0.009%
नदियां = 0.0001%Unattempted
महासागर = 97.3%, भूमिगत जल = 0.068%
बर्फ छत्रक = 2.0%
झीलों का अलवण जल = 0.009%
नदियां = 0.0001% -
Question 3 of 10
3. Question
1 pointsविश्व जल दिवस मनाया जाता है-
Correct
22 मार्च को ‘विश्व जल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
Incorrect
22 मार्च को ‘विश्व जल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
Unattempted
22 मार्च को ‘विश्व जल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
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Question 4 of 10
4. Question
1 pointsसुनामी शब्द किस भाषा का है ?
Correct
‘सुनामी’ शब्द जापानी भाषा का है। जिसका अर्थ है पोताश्रय तरंगे, क्योंकि सुनामी आने पर पोताश्रय नष्ट हो जाते हैं।
Incorrect
‘सुनामी’ शब्द जापानी भाषा का है। जिसका अर्थ है पोताश्रय तरंगे, क्योंकि सुनामी आने पर पोताश्रय नष्ट हो जाते हैं।
Unattempted
‘सुनामी’ शब्द जापानी भाषा का है। जिसका अर्थ है पोताश्रय तरंगे, क्योंकि सुनामी आने पर पोताश्रय नष्ट हो जाते हैं।
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Question 5 of 10
5. Question
1 pointsवृहत ज्वार उठते हैं-
Correct
पूर्णिमा एवं अमावस्या के दिनों में सूर्य, चन्द्रमा और पृथ्वी तीनों एक सीध मे होते हैं। सूर्य एवं चन्द्रमा के शक्तिशाली गुरूत्वाकर्षण बल के कारण पृथ्वी की सतह पर ज्वार-भाटे आते हैं। जब पृथ्वी का जल चन्द्रमा के निकत होता है। उस समय चन्द्रमा के गुरूत्वाकर्षण बल से जल अभिकर्षित होता है। जिसके कारण उच्च ज्वार आते हैं।
Incorrect
पूर्णिमा एवं अमावस्या के दिनों में सूर्य, चन्द्रमा और पृथ्वी तीनों एक सीध मे होते हैं। सूर्य एवं चन्द्रमा के शक्तिशाली गुरूत्वाकर्षण बल के कारण पृथ्वी की सतह पर ज्वार-भाटे आते हैं। जब पृथ्वी का जल चन्द्रमा के निकत होता है। उस समय चन्द्रमा के गुरूत्वाकर्षण बल से जल अभिकर्षित होता है। जिसके कारण उच्च ज्वार आते हैं।
Unattempted
पूर्णिमा एवं अमावस्या के दिनों में सूर्य, चन्द्रमा और पृथ्वी तीनों एक सीध मे होते हैं। सूर्य एवं चन्द्रमा के शक्तिशाली गुरूत्वाकर्षण बल के कारण पृथ्वी की सतह पर ज्वार-भाटे आते हैं। जब पृथ्वी का जल चन्द्रमा के निकत होता है। उस समय चन्द्रमा के गुरूत्वाकर्षण बल से जल अभिकर्षित होता है। जिसके कारण उच्च ज्वार आते हैं।
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Question 6 of 10
6. Question
1 pointsठंडी जल धाराए प्रवाहित होती हैं ?
Correct
महासागरीय धाराएँ, निश्चित दिशा में महासागरीय सतह पर नियमित रूप से बहने वाली जल की धाराएं होती हैं। महासागरीय धाराएं गर्म व ठण्डी हो सकती हैं। सामान्यतः गर्म महासागरीय भूमध्य रेखा के निकट उत्पन्न होती हैं। एवं ध्रवों की ओर प्रवाहित होती हैं। ठण्डी धाराएँ ध्रवों या उच्च अक्षाशों से उष्णकटिबंधीय या निम्न अक्षांशों की ओर प्रवाहित होती हैं। गल्फस्ट्रीम गर्म जल धाराएँ हैं।
Incorrect
महासागरीय धाराएँ, निश्चित दिशा में महासागरीय सतह पर नियमित रूप से बहने वाली जल की धाराएं होती हैं। महासागरीय धाराएं गर्म व ठण्डी हो सकती हैं। सामान्यतः गर्म महासागरीय भूमध्य रेखा के निकट उत्पन्न होती हैं। एवं ध्रवों की ओर प्रवाहित होती हैं। ठण्डी धाराएँ ध्रवों या उच्च अक्षाशों से उष्णकटिबंधीय या निम्न अक्षांशों की ओर प्रवाहित होती हैं। गल्फस्ट्रीम गर्म जल धाराएँ हैं।
Unattempted
महासागरीय धाराएँ, निश्चित दिशा में महासागरीय सतह पर नियमित रूप से बहने वाली जल की धाराएं होती हैं। महासागरीय धाराएं गर्म व ठण्डी हो सकती हैं। सामान्यतः गर्म महासागरीय भूमध्य रेखा के निकट उत्पन्न होती हैं। एवं ध्रवों की ओर प्रवाहित होती हैं। ठण्डी धाराएँ ध्रवों या उच्च अक्षाशों से उष्णकटिबंधीय या निम्न अक्षांशों की ओर प्रवाहित होती हैं। गल्फस्ट्रीम गर्म जल धाराएँ हैं।
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Question 7 of 10
7. Question
1 pointsलेब्राडोर महासागरीय धाराएं हैं-
Correct
लेब्राडोर ठण्डी जल धाराएँ हैं। महासागरीय धाराएँ किसी क्षेत्र के तापमान को प्रभावित करती हैं। गर्म जल धाराओं से स्थलीय सतह का तापमान गर्म हो जाता है।
Incorrect
लेब्राडोर ठण्डी जल धाराएँ हैं। महासागरीय धाराएँ किसी क्षेत्र के तापमान को प्रभावित करती हैं। गर्म जल धाराओं से स्थलीय सतह का तापमान गर्म हो जाता है।
Unattempted
लेब्राडोर ठण्डी जल धाराएँ हैं। महासागरीय धाराएँ किसी क्षेत्र के तापमान को प्रभावित करती हैं। गर्म जल धाराओं से स्थलीय सतह का तापमान गर्म हो जाता है।
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Question 8 of 10
8. Question
1 pointsसामान्यतः गर्म महासागरीय धारांए उत्पन्न होती हैं-
Correct
गर्म जल धाराएं भूमध्य रेखा के निकट उत्पन्न होती हैं। जिस स्थान पर गर्म तथा शीत जलधाराएं मिलती हैं। वह स्थान विश्वभर में सर्वोत्तम मत्स्यन क्षेत्र माना जाता है। जापान के आस-पास एवं उत्तरी अमेरिका के पूर्वी तट इसके उदाहरण हैं।
Incorrect
गर्म जल धाराएं भूमध्य रेखा के निकट उत्पन्न होती हैं। जिस स्थान पर गर्म तथा शीत जलधाराएं मिलती हैं। वह स्थान विश्वभर में सर्वोत्तम मत्स्यन क्षेत्र माना जाता है। जापान के आस-पास एवं उत्तरी अमेरिका के पूर्वी तट इसके उदाहरण हैं।
Unattempted
गर्म जल धाराएं भूमध्य रेखा के निकट उत्पन्न होती हैं। जिस स्थान पर गर्म तथा शीत जलधाराएं मिलती हैं। वह स्थान विश्वभर में सर्वोत्तम मत्स्यन क्षेत्र माना जाता है। जापान के आस-पास एवं उत्तरी अमेरिका के पूर्वी तट इसके उदाहरण हैं।
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Question 9 of 10
9. Question
1 pointsदिन में दो बार नियम से महासागरीय जल का उठना एवं गिरना कहलाता है ?
Correct
दिन में दो बार नियम से महासागरीय जल का उठना गिरना, ज्वार-भाटा कहलाता है। जब सर्वाधिक ऊँचाई तक उठकर जल, तट के बड़े हिस्से को डुबो देता हैं, तब उसे ज्वार कहते हैं। जब जल अपने निम्नतम स्तर तक आ जाता है एवं तट से पीछ चला जाता है उसे भाटा कहते हैं।
Incorrect
दिन में दो बार नियम से महासागरीय जल का उठना गिरना, ज्वार-भाटा कहलाता है। जब सर्वाधिक ऊँचाई तक उठकर जल, तट के बड़े हिस्से को डुबो देता हैं, तब उसे ज्वार कहते हैं। जब जल अपने निम्नतम स्तर तक आ जाता है एवं तट से पीछ चला जाता है उसे भाटा कहते हैं।
Unattempted
दिन में दो बार नियम से महासागरीय जल का उठना गिरना, ज्वार-भाटा कहलाता है। जब सर्वाधिक ऊँचाई तक उठकर जल, तट के बड़े हिस्से को डुबो देता हैं, तब उसे ज्वार कहते हैं। जब जल अपने निम्नतम स्तर तक आ जाता है एवं तट से पीछ चला जाता है उसे भाटा कहते हैं।
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Question 10 of 10
10. Question
1 pointsवह प्रक्रम जिसमें जल लगातार अपने स्वरूप को बदलता रहता है और महासागर, वायुमंडल व स्थल के बीच चक्कर लगाता रहता है ?
Correct
जिस प्रक्रम में जल लगातार अपने स्वरूप को बदलता रहता है और महासागरों, वायुमंडल एवं धरती के बीच चक्कर लगाता रहता है, उस को जल चक्र कहते हैं।
जब चाँद अपने प्रथम एवं अंतिम चतुर्यांश में होता है, तो चाँद एंव सूर्य का गुरूत्वाकर्षण बल विपरीत दिशाओं में महासागरीय जल पर पड़ता है, परिणामस्वरूप, निम्न ज्वार-भाटा आता है। ऐसे ज्वार को लघु ज्वार-भाटा कहते हैं।Incorrect
जिस प्रक्रम में जल लगातार अपने स्वरूप को बदलता रहता है और महासागरों, वायुमंडल एवं धरती के बीच चक्कर लगाता रहता है, उस को जल चक्र कहते हैं।
जब चाँद अपने प्रथम एवं अंतिम चतुर्यांश में होता है, तो चाँद एंव सूर्य का गुरूत्वाकर्षण बल विपरीत दिशाओं में महासागरीय जल पर पड़ता है, परिणामस्वरूप, निम्न ज्वार-भाटा आता है। ऐसे ज्वार को लघु ज्वार-भाटा कहते हैं।Unattempted
जिस प्रक्रम में जल लगातार अपने स्वरूप को बदलता रहता है और महासागरों, वायुमंडल एवं धरती के बीच चक्कर लगाता रहता है, उस को जल चक्र कहते हैं।
जब चाँद अपने प्रथम एवं अंतिम चतुर्यांश में होता है, तो चाँद एंव सूर्य का गुरूत्वाकर्षण बल विपरीत दिशाओं में महासागरीय जल पर पड़ता है, परिणामस्वरूप, निम्न ज्वार-भाटा आता है। ऐसे ज्वार को लघु ज्वार-भाटा कहते हैं।