Last Updated on Feb 7, 2023
0 of 12 questions completed
Questions:
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
- 6
- 7
- 8
- 9
- 10
- 11
- 12
Information
Name: NCERT Geography Mock Test
Subject: Geography ( General Study )
Class: 6th
Chapter: ग्लोबः अक्षांश एवं देशान्तर
Questions: 12 Objective Type Questions
Time Allowed: 08 Minutes
Language: Hindi
Important for: State Police, Intelligence bureau, SSC ( CGL, CHSL, GD etc), State PCS, UPSC, Railway, Patwari, Army, BSF, CRPF, NDA, UPSSC, TGT / PGT, BA, MA, B ed entrance exam, समूह ग आदि |
Especially for: UPSC CSE IAS Prelims
You have already completed the quiz before. Hence you can not start it again.
quiz is loading...
You must sign in or sign up to start the quiz.
You have to finish following quiz, to start this quiz:
You have Completed " ग्लोबः अक्षांश एवं देशान्तर Class 6th : Free Geography Quiz in Hindi "
0 of 12 questions answered correctly
Your time:
Time has elapsed
Your Final Score is : 0
You have attempted : 0
Number of Correct Questions : 0 and scored 0
Number of Incorrect Questions : 0 and Negative marks 0
Average score |
|
Your score |
|
-
Not categorized
You have attempted: 0
Number of Correct Questions: 0 and scored 0
Number of Incorrect Questions: 0 and Negative marks 0
-
It’s time to share this quiz with your friends on Facebook, Twitter, Google Plus, Whatsapp or LinkedIn…
Click on View Answers Button to check Correct and incorrect answers.
Login
Register
Forgot Password
Pos. | Name | Entered on | Points | Result |
---|---|---|---|---|
Table is loading | ||||
No data available | ||||
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
- 6
- 7
- 8
- 9
- 10
- 11
- 12
- Answered
- Review
-
Question 1 of 12
1. Question
1 pointsविषुवत वृत्त कहा जाता है-
Correct
एक काल्पनिक रेखा जो ग्लोब को दो बराबर भागों में बांटती है।
Incorrect
एक काल्पनिक रेखा जो ग्लोब को दो बराबर भागों में बांटती है।
Unattempted
एक काल्पनिक रेखा जो ग्लोब को दो बराबर भागों में बांटती है।
-
Question 2 of 12
2. Question
1 pointsअक्षांश रेखाएं कहलाती हैं-
Correct
विषुवत वृत्त शून्य अंश अक्षांश को दर्शाती है। विषुवत वृत्त के उत्तर की सभी समांतर रेखाओं को उत्तरी अक्षांश कहा जाता है तथा विषुवत वृत्त के दक्षिण स्थित सभी समानंतर रेखाओं को दक्षिणी अक्षांश कहा जाता है। विषुवत वृत्त से ध्रुवों तक स्थित सभी समांतर वृत्तों को अक्षांश (समानांतर) रेखाएं कहा जाता है। अक्षांशों को अंश में मापा जाता है।
Incorrect
विषुवत वृत्त शून्य अंश अक्षांश को दर्शाती है। विषुवत वृत्त के उत्तर की सभी समांतर रेखाओं को उत्तरी अक्षांश कहा जाता है तथा विषुवत वृत्त के दक्षिण स्थित सभी समानंतर रेखाओं को दक्षिणी अक्षांश कहा जाता है। विषुवत वृत्त से ध्रुवों तक स्थित सभी समांतर वृत्तों को अक्षांश (समानांतर) रेखाएं कहा जाता है। अक्षांशों को अंश में मापा जाता है।
Unattempted
विषुवत वृत्त शून्य अंश अक्षांश को दर्शाती है। विषुवत वृत्त के उत्तर की सभी समांतर रेखाओं को उत्तरी अक्षांश कहा जाता है तथा विषुवत वृत्त के दक्षिण स्थित सभी समानंतर रेखाओं को दक्षिणी अक्षांश कहा जाता है। विषुवत वृत्त से ध्रुवों तक स्थित सभी समांतर वृत्तों को अक्षांश (समानांतर) रेखाएं कहा जाता है। अक्षांशों को अंश में मापा जाता है।
-
Question 3 of 12
3. Question
1 pointsकर्क रेखा किस गोलार्द्ध में स्थित होती है ?
Correct
कर्क रेखा \((23\frac{1}{2}\) अंश उत्तरी) उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में मकर रेखा \((23\frac{1}{2}\) अंश दक्षिण) स्थित होती है।
Incorrect
कर्क रेखा \((23\frac{1}{2}\) अंश उत्तरी) उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में मकर रेखा \((23\frac{1}{2}\) अंश दक्षिण) स्थित होती है।
Unattempted
कर्क रेखा \((23\frac{1}{2}\) अंश उत्तरी) उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में मकर रेखा \((23\frac{1}{2}\) अंश दक्षिण) स्थित होती है।
-
Question 4 of 12
4. Question
1 pointsउष्ण कटिबन्ध स्थित होता है-
Correct
कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच के सभी अक्षांशों पर सूर्य वर्ष में एक बार दोपहर में सिर के ठीक ऊपर होता है। इसलिए इस क्षेत्र में सबसे अधिक ऊष्मा प्राप्त होती है तथा इसे ‘उष्ण कटिबन्ध’ कहा जाता है।
Incorrect
कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच के सभी अक्षांशों पर सूर्य वर्ष में एक बार दोपहर में सिर के ठीक ऊपर होता है। इसलिए इस क्षेत्र में सबसे अधिक ऊष्मा प्राप्त होती है तथा इसे ‘उष्ण कटिबन्ध’ कहा जाता है।
Unattempted
कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच के सभी अक्षांशों पर सूर्य वर्ष में एक बार दोपहर में सिर के ठीक ऊपर होता है। इसलिए इस क्षेत्र में सबसे अधिक ऊष्मा प्राप्त होती है तथा इसे ‘उष्ण कटिबन्ध’ कहा जाता है।
-
Question 5 of 12
5. Question
1 pointsशीतोष्ण कटिबन्ध कहा जाता है ?
Correct
कर्क रेखा तथा मकर रेखा के बाद किसी भी अक्षांश पर दोपहर का सूर्य कभी भी सिर के ऊपर नहीं होता है। ध्रुव की तरफ सूर्य की किरणें तिरछी होती जाती है। इस प्रकार, उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क रेखा व उत्तर ध्रुव वृत्त तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में मकर रेखा एवं दक्षिण ध्रुव वृत्त के बीच वाले क्षेत्र का तापमान मध्यम रहता है। इसलिए इन्हें शीतोष्ण कटिबन्ध कहा जाता है।
Incorrect
कर्क रेखा तथा मकर रेखा के बाद किसी भी अक्षांश पर दोपहर का सूर्य कभी भी सिर के ऊपर नहीं होता है। ध्रुव की तरफ सूर्य की किरणें तिरछी होती जाती है। इस प्रकार, उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क रेखा व उत्तर ध्रुव वृत्त तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में मकर रेखा एवं दक्षिण ध्रुव वृत्त के बीच वाले क्षेत्र का तापमान मध्यम रहता है। इसलिए इन्हें शीतोष्ण कटिबन्ध कहा जाता है।
Unattempted
कर्क रेखा तथा मकर रेखा के बाद किसी भी अक्षांश पर दोपहर का सूर्य कभी भी सिर के ऊपर नहीं होता है। ध्रुव की तरफ सूर्य की किरणें तिरछी होती जाती है। इस प्रकार, उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क रेखा व उत्तर ध्रुव वृत्त तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में मकर रेखा एवं दक्षिण ध्रुव वृत्त के बीच वाले क्षेत्र का तापमान मध्यम रहता है। इसलिए इन्हें शीतोष्ण कटिबन्ध कहा जाता है।
-
Question 6 of 12
6. Question
1 pointsशीत कटिबन्ध कहते हैं-
Correct
उत्तरी गोलार्द्ध में उत्तर ध्रुव वृत्त व उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिण ध्रुव वृत्त व दक्षिणी ध्रुव के बीच के क्षेत्र में ठंड बहुत होती है क्योंकि यहाँ सूर्य क्षितिज से ऊपर नहीं आ पाता है। इसलिए ये शीत कटिबंध कहलाते हैं।
Incorrect
उत्तरी गोलार्द्ध में उत्तर ध्रुव वृत्त व उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिण ध्रुव वृत्त व दक्षिणी ध्रुव के बीच के क्षेत्र में ठंड बहुत होती है क्योंकि यहाँ सूर्य क्षितिज से ऊपर नहीं आ पाता है। इसलिए ये शीत कटिबंध कहलाते हैं।
Unattempted
उत्तरी गोलार्द्ध में उत्तर ध्रुव वृत्त व उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिण ध्रुव वृत्त व दक्षिणी ध्रुव के बीच के क्षेत्र में ठंड बहुत होती है क्योंकि यहाँ सूर्य क्षितिज से ऊपर नहीं आ पाता है। इसलिए ये शीत कटिबंध कहलाते हैं।
-
Question 7 of 12
7. Question
1 pointsप्रमुख याम्योत्तर का मान है-
Correct
अक्षांश (समानान्तर) रेखाओं से भिन्न सभी देशांतरीय याम्योत्तरों की लम्बाई समान होती है। इसलिए इन्हें सिर्फ मुख्य संख्याओं में व्यक्त करना कठिन था। तब सभी देशों ने निश्चय किया कि ग्रीनिच जहाँ ब्रिटिश राजकीय वेधशाला स्थित है, से गुजरने वाली योम्योत्तर से पूर्व और पश्चिम की ओर गितनी शुरू की जाए। इस योम्योत्तर को प्रमुख याम्योत्तर कहते हैं। इसका मान 0° देशांतर है।
Incorrect
अक्षांश (समानान्तर) रेखाओं से भिन्न सभी देशांतरीय याम्योत्तरों की लम्बाई समान होती है। इसलिए इन्हें सिर्फ मुख्य संख्याओं में व्यक्त करना कठिन था। तब सभी देशों ने निश्चय किया कि ग्रीनिच जहाँ ब्रिटिश राजकीय वेधशाला स्थित है, से गुजरने वाली योम्योत्तर से पूर्व और पश्चिम की ओर गितनी शुरू की जाए। इस योम्योत्तर को प्रमुख याम्योत्तर कहते हैं। इसका मान 0° देशांतर है।
Unattempted
अक्षांश (समानान्तर) रेखाओं से भिन्न सभी देशांतरीय याम्योत्तरों की लम्बाई समान होती है। इसलिए इन्हें सिर्फ मुख्य संख्याओं में व्यक्त करना कठिन था। तब सभी देशों ने निश्चय किया कि ग्रीनिच जहाँ ब्रिटिश राजकीय वेधशाला स्थित है, से गुजरने वाली योम्योत्तर से पूर्व और पश्चिम की ओर गितनी शुरू की जाए। इस योम्योत्तर को प्रमुख याम्योत्तर कहते हैं। इसका मान 0° देशांतर है।
-
Question 8 of 12
8. Question
1 pointsदेशान्तरों की कुल संख्या है-
Correct
0° देशान्तर से 180° पूर्व या 180° पश्चिम तक गणना करते हैं। प्रमुख याम्योत्तर तथा 180° याम्योत्तर मिलकर पृथ्वी को दो समान भागों में पूर्वी गोलार्द्ध एवं पश्चिम गोलार्द्र में विभक्त करती है।
इसलिए किसी स्थान के देशांतर के आगे पूर्व के लिए अक्षर पू. तथा पश्चिम के लिए अक्षर प. का उपयोग करते हैं। 180° पूर्व और 180° पश्चिम याम्योत्तर एक ही रेखा पर स्थित हैं।Incorrect
0° देशान्तर से 180° पूर्व या 180° पश्चिम तक गणना करते हैं। प्रमुख याम्योत्तर तथा 180° याम्योत्तर मिलकर पृथ्वी को दो समान भागों में पूर्वी गोलार्द्ध एवं पश्चिम गोलार्द्र में विभक्त करती है।
इसलिए किसी स्थान के देशांतर के आगे पूर्व के लिए अक्षर पू. तथा पश्चिम के लिए अक्षर प. का उपयोग करते हैं। 180° पूर्व और 180° पश्चिम याम्योत्तर एक ही रेखा पर स्थित हैं।Unattempted
0° देशान्तर से 180° पूर्व या 180° पश्चिम तक गणना करते हैं। प्रमुख याम्योत्तर तथा 180° याम्योत्तर मिलकर पृथ्वी को दो समान भागों में पूर्वी गोलार्द्ध एवं पश्चिम गोलार्द्र में विभक्त करती है।
इसलिए किसी स्थान के देशांतर के आगे पूर्व के लिए अक्षर पू. तथा पश्चिम के लिए अक्षर प. का उपयोग करते हैं। 180° पूर्व और 180° पश्चिम याम्योत्तर एक ही रेखा पर स्थित हैं। -
Question 9 of 12
9. Question
1 pointsग्रिड किसका जाल है-
Correct
अक्षांश रेखाओं (समानान्तर) एंव देशांतरीय याम्योत्तरों के द्वारा बना ग्रिड का जाल अर्थात अक्षांशों व देशांतरीय याम्योत्तरों के द्वारा बने जाल को ग्रिड कहते हैं।
Incorrect
अक्षांश रेखाओं (समानान्तर) एंव देशांतरीय याम्योत्तरों के द्वारा बना ग्रिड का जाल अर्थात अक्षांशों व देशांतरीय याम्योत्तरों के द्वारा बने जाल को ग्रिड कहते हैं।
Unattempted
अक्षांश रेखाओं (समानान्तर) एंव देशांतरीय याम्योत्तरों के द्वारा बना ग्रिड का जाल अर्थात अक्षांशों व देशांतरीय याम्योत्तरों के द्वारा बने जाल को ग्रिड कहते हैं।
-
Question 10 of 12
10. Question
1 pointsपृथ्वी चक्कर लगाती है-
Correct
पृथ्वी पश्चिमी से पूर्व की ओर चक्कर लगाती है। पृथ्वी 24 घंटे में अपने अक्ष पर 360° घूम जाती है।
Incorrect
पृथ्वी पश्चिमी से पूर्व की ओर चक्कर लगाती है। पृथ्वी 24 घंटे में अपने अक्ष पर 360° घूम जाती है।
Unattempted
पृथ्वी पश्चिमी से पूर्व की ओर चक्कर लगाती है। पृथ्वी 24 घंटे में अपने अक्ष पर 360° घूम जाती है।
-
Question 11 of 12
11. Question
1 pointsभारत का मानक याम्योत्तर है-
Correct
भारत में 82½° पू.(82°30′ पू.) को मानक याम्योत्तर माना गया है। इस याम्योत्तर के स्थानीय समय को पूरे देश का मानक समय माना जाता है, इसे भारतीय मानक समय के नाम से भी जाना जाता है।
Incorrect
भारत में 82½° पू.(82°30′ पू.) को मानक याम्योत्तर माना गया है। इस याम्योत्तर के स्थानीय समय को पूरे देश का मानक समय माना जाता है, इसे भारतीय मानक समय के नाम से भी जाना जाता है।
Unattempted
भारत में 82½° पू.(82°30′ पू.) को मानक याम्योत्तर माना गया है। इस याम्योत्तर के स्थानीय समय को पूरे देश का मानक समय माना जाता है, इसे भारतीय मानक समय के नाम से भी जाना जाता है।
-
Question 12 of 12
12. Question
1 pointsनिम्न कथनों में सही कथन बताइए –
- देशांतरों के बीच की दूरी ध्रुवों की ओर घटती जाती है।
- शीत कटिबंध विषुवत वृत्त के नज़दीक पाया जाता है।
- किसी ग्लोब में एक सुई झुकी हुयी अवस्था में स्थित होती है जिसे अक्ष कहते हैं।
- भारत का समय ग्रीनविच समय से 5 घंटा 30 मिनट आगे है।
Correct
(A) देशांतरीय याम्योत्तर अर्द्धवृत्त है तथा उनके बीच की दूरी ध्रवों की तरफ बढ़ने पर घटती जाती है। एवं ध्रवों पर शून्य हो जाती है, जहाँ सभी देशांतरीय याम्योत्तर आपस में मिलती है।
(B) शीत कटिबन्ध ध्रुवों के नजदीक पाया जाता है।
(C) एक सुई ग्लोब में झुकी हुई अवस्था में स्थित होती है जिसे अक्ष कहा जाता है। ग्लोब को इस सुई के चारों ओर पश्चिम से पूर्व की ओर घुमाया जा सकता है। पृथ्वी के सन्दर्भ में यह एक काल्पनिक रेखा है।
(D) भारत ग्रीनविच के पूर्व 82°30′ पूर्व में स्थित है। यहाँ का समय(भारत) ग्रीनविच(लंदन) के समय से 5 घंटा 30 मिनट आगे है।
मान लीजिए लन्दन में दोपहर के 2.00 बजे हैं भारत में शाम के 7.30 बजे होगें। क्योंकि पृथ्वी लगभग 24 घंटे में अपने अक्ष पर 360° घूम जाती हैं, अर्थात वह 1 घंटे में 15° एवं 4 मिनट में 1° घूमती है। तो 75° घूमने में 5 घंटे लगेंगे और 7½° घूमने में आधा घंटा लगेगा, इस तरह 82°30′ घूमने में 5 घंटे 30 मिनट लगेंगे तथा ये ग्रीनविच से पूर्व में स्थित है।Incorrect
(A) देशांतरीय याम्योत्तर अर्द्धवृत्त है तथा उनके बीच की दूरी ध्रवों की तरफ बढ़ने पर घटती जाती है। एवं ध्रवों पर शून्य हो जाती है, जहाँ सभी देशांतरीय याम्योत्तर आपस में मिलती है।
(B) शीत कटिबन्ध ध्रुवों के नजदीक पाया जाता है।
(C) एक सुई ग्लोब में झुकी हुई अवस्था में स्थित होती है जिसे अक्ष कहा जाता है। ग्लोब को इस सुई के चारों ओर पश्चिम से पूर्व की ओर घुमाया जा सकता है। पृथ्वी के सन्दर्भ में यह एक काल्पनिक रेखा है।
(D) भारत ग्रीनविच के पूर्व 82°30′ पूर्व में स्थित है। यहाँ का समय(भारत) ग्रीनविच(लंदन) के समय से 5 घंटा 30 मिनट आगे है।
मान लीजिए लन्दन में दोपहर के 2.00 बजे हैं भारत में शाम के 7.30 बजे होगें। क्योंकि पृथ्वी लगभग 24 घंटे में अपने अक्ष पर 360° घूम जाती हैं, अर्थात वह 1 घंटे में 15° एवं 4 मिनट में 1° घूमती है। तो 75° घूमने में 5 घंटे लगेंगे और 7½° घूमने में आधा घंटा लगेगा, इस तरह 82°30′ घूमने में 5 घंटे 30 मिनट लगेंगे तथा ये ग्रीनविच से पूर्व में स्थित है।Unattempted
(A) देशांतरीय याम्योत्तर अर्द्धवृत्त है तथा उनके बीच की दूरी ध्रवों की तरफ बढ़ने पर घटती जाती है। एवं ध्रवों पर शून्य हो जाती है, जहाँ सभी देशांतरीय याम्योत्तर आपस में मिलती है।
(B) शीत कटिबन्ध ध्रुवों के नजदीक पाया जाता है।
(C) एक सुई ग्लोब में झुकी हुई अवस्था में स्थित होती है जिसे अक्ष कहा जाता है। ग्लोब को इस सुई के चारों ओर पश्चिम से पूर्व की ओर घुमाया जा सकता है। पृथ्वी के सन्दर्भ में यह एक काल्पनिक रेखा है।
(D) भारत ग्रीनविच के पूर्व 82°30′ पूर्व में स्थित है। यहाँ का समय(भारत) ग्रीनविच(लंदन) के समय से 5 घंटा 30 मिनट आगे है।
मान लीजिए लन्दन में दोपहर के 2.00 बजे हैं भारत में शाम के 7.30 बजे होगें। क्योंकि पृथ्वी लगभग 24 घंटे में अपने अक्ष पर 360° घूम जाती हैं, अर्थात वह 1 घंटे में 15° एवं 4 मिनट में 1° घूमती है। तो 75° घूमने में 5 घंटे लगेंगे और 7½° घूमने में आधा घंटा लगेगा, इस तरह 82°30′ घूमने में 5 घंटे 30 मिनट लगेंगे तथा ये ग्रीनविच से पूर्व में स्थित है।